Yoga for Pregnant Women: गर्भावस्था के दौरान एक्सरसाइज़ की मदद से शरीर खुद ब खुद प्रसव के लिए तैयार होने लगता है। जानते हैं कुछ ऐसी ही इंडोर एक्सरसाइज़ जो गर्भावस्था के दौरान महिलाएं खुद को हेल्दी रखने के लिए कर सकती हैं।
Yoga for Pregnant Women
प्रेगनेंसी में उचित खान पान के अलावा सही लाइफस्टाइल और एक्सरसाइज़ को अपने रूटीन में शामिल करना बहुत ज़रूरी है।
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को कई प्रकार के अनुभवों से होकर गुज़रना पड़ता है। कभी थकान, तो कभी लो एपिटाइटए कभी मूड स्विंग, तो कभी कमर दर्द। इन सभी समस्याओं को नियंत्रित करने के लिए गर्भावस्था के दौरान एक्सरसाइज़ करना एक बेहतरीन विकल्प है। इससे शरीर में ब्लड सर्कुलेशन नियमित बना रहता है, जो शरीर को कई समस्याओं से बचाता है। इसके अलावा एक्सरसाइज़ की मदद से शरीर खुद ब खुद प्रसव के लिए तैयार होने लगता है। जानते हैं कुछ ऐसी ही एक्सरसाइज़ जो गर्भावस्था के दौरान महिलाएं कर सकती हैं (Indoor workout for pregnant ladies)।
वाह लाइफ की फांउडर और योग प्रेक्टिशनर सुमिता गुप्ता ने बताया कि नियमित व्यायाम करने से गर्भावस्था के दौरान शरीर का स्टेमिना बढ़ने लगता है। इससे शरीर में मसल्स मज़बूत बनते हैं और नींद न आने की समस्या भी हल हो जाती है। वहीं कुछ महिलाओं को पैरों और हाथों में सूजन की समस्या से जूझना पड़ता है। ऐसे में गर्भावस्था के दौरान आपका शरीर एक्टिव बना रहता है और आप कई स्वास्थ्य संबधी समस्याओं से भी बचे रहते हैं। वे महिलाएं जो प्रेग्नेंसी में एक्सरसाइज़ करती हैं, वो अत्यधिक वेट गेन से बच जाती है। साथ ही शरीर का पोस्चर उचित बना रहता है।
गर्भावस्था में एक्सरसाइज़ करने के लाभ (Benefits of workout for pregnant ladies)
शरीर में होने वाली थकान दूर करके ऊर्जा के स्तर को बढ़ाने में मददगार साबित होती है।
ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित किया जा सकता है। वहीं ब्लड प्रेशर नियमित बना रहता है।
नींद न आने की समस्या हल होने लगता है। कुछ देर वर्कआउट करके शरीर थक जाता है, जिससे भरपूर नींद ले पाती हैं।
बार बार मूड स्विंग से बच जाते हैं। एक्सरसाइज़ करने से शरीर में हैप्पी हार्मोन रिलीज़ होते हैं।
शरीर को पोस्चर उचित बना रहता है। साथ ही अत्यधिक मोटापे की समस्या से भी बचा जा सकता है।
Yoga for Pregnant Women
जानते हैं कि गर्भावस्था में कौन सी एक्सरसाइज़ है आपके लिए फायदेमंद (workout for pregnant ladies)
1. ब्रीदिंग एक्सरसाइज़
डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज़ करने से तन और मन दोनों को ही मज़बूती मिलती है। इससे शरीर में लचीलापन बढ़ता है और सांस संबधी समस्याओं से राहत मिलती है। रोज़ाना कुछ देर मेडिटेशन और ब्रीदिंग एक्सरसाइज़ करने से शरीर में होने वाली थकान दूर होती है और इम्यून सिस्टम मज़बूत होने लगता है। इसे करने के लिए सीधे बैठ जाएं और पीठ सीधी रखें। अब एक हाथ चेस्ट और दूसरा हाथ पेट पर रखकर नाक से सांस लें और मुंह से धीरे धीरे सांस बाहर निकालें। इससे शरीर में ऑक्सीजन लेवल इंप्रूव होने लगता है।
2. वॉल पुशअप
शरीर में लचीलेपन को बढ़ाने के लिए दिनभर में कुछ वक्त डॉक्टर की सलाह से वॉल पुशअप अवश्य करें। इसे करने के लिए दीवार के पास मैट बिछाएं और उस पर खड़े हो जाएं। इससे पैर स्लिप होने का खतरा नहीं रहता है। अब दोनों हाथों को दीवार पर रखें और पैरों को मैट पर टिका लें। पैरों के मध्य दूरी बनाकर रखें। इसे 1 मिनट तक करें और फिर आराम कर लें। दिनभर में इसे 2 से 3 बार करने से थकान की समस्या से बचा जा सकता है।
3. योगासन का अभ्यास
गर्भवस्था के दौरान महिलाओं को कुछ वक्त योगाभ्यास करना चाहिए। ऐसे में त्रिकोणासन, भद्रासन और कैट पोज़ बेहद कारगर साबित होता है। देर तक किसी भी योग मुद्रा में न बैठें। 30 सेकण्ड से 1 मिनट तक योग करने के बाद शरीर को ढ़ीला छोड़ दें। इससे शरीर थकान से बचा रहता है। योगासनों से शारीरिक अंगों में होने वाले दर्द से बचा जा सकता है।
4. लंजेज
टांगों में होने वाली स्टिफनेस को दूर करने के लिए इस एक्सरसाइज़ को करना फायदेमंद साबित होता है। इसे करने के लिए सीधे खड़े हो जाएं। अब बाएं पैर को आगे बढ़ाएं और दांए पैर को वहीं रहने दें। इसे करने से पहले पीठ और घुटने के बीच दूरी बनाकर रखें। कुछ देर इसी पोज़िशन में रूकें। अब बाएं पैर को दोबारा अपनी जगह पर ले आएं। इस एक्सरसाइज़ को ट्रेनर की देखरेख में करें।
5. कुछ देर वॉक करना
वॉकिंग भी एक्सरसाइज़ का ही एक अंग है। गर्भावस्था के दौरान आरामदायक जूते पहनकर आप कुछ देर वॉक कर सकती हैं। इससे शुगर लेवल नियंत्रित रहता है, डाइजेशन में सुधार आने लगता है और मांसपेशियों में होने वाली ऐंठन से भी बचा जा सकता है। अपने सामर्थय के अनुसार ही पैदल चलें। प्रेग्नेंसी के दौरान वॉक करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना आवश्यक है।
इन बातों का ख्याल रखें
ज्यादा तेज़ तेज़ एक्सरसाइज़ करने या चलने से बचें।
कोई भी एक्सरसाइज़ शुरू करने से पहले स्त्री रोग विशेषज्ञ की सलाह ज़रूर ले लें।
दर्द या ब्लीडिंग होने पर डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें।
लंबे वक्त तक एक्सरसाइज़ न करें। डॉक्टर के सुझाव के अनुसार ही चलें।
शरीर को निर्जलीकरण से बचाने के लिए तरल पदार्थों का सेवन करें।