मोदी सरकार सैन्य मोर्चे पर सेनाओं को और अधिक मजबूत बनाने पर जोर दे रही है। इसी कड़ी में रक्षा मंत्रालय सेना की क्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से विषम क्षेत्रों में दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देने वाली तोपों के लिए रक्षा मंत्रालय ने भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड के साथ करार किया है। इस करार के तहत मध्यम और भारी कैलिबर वाली तोपों की मारक क्षमता बढ़ाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक फ्यूज की खरीदी की जाएगी।
रक्षा मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, बीईएल के साथ कुल 5,336.25 करोड़ रुपये के इस सौदे के तहत सेना के लिए 10 साल तक इलेक्ट्रॉनिक फ्यूज की खरीद की जाएगी। मंत्रालय ने बताया कि इस समझौते का एक उद्देश्य आयात घटाने के साथ गोला-बारूद के भंडार बढ़ाना भी है। ये इलेक्ट्रॉनिक फ्यूज देश की उत्तरी सीमाओं के साथ ऊंचाई वाले और विषम क्षेत्रों में दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम तोपों में प्रयोग किए जाएंगे। ताकि दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब दिया जा सके।
मंत्रालय ने यह भी बताया है कि 10 साल के लिए किए गए इस सौदे के पीछे एक उद्देश्य आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा देना भी है। इस अभियान के तहत भारतीय कंपनियों द्वारा सेना के लिए गोला-बारूद तैयार करने को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। इसका उद्देश्य गोला-बारूद निर्माण में आत्मनिर्भरता हासिल करना, महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियां प्राप्त करना और आपूर्ति शृंखला में किसी व्यवधान की आशंका को दूर कर स्टॉक सुरक्षित करना है।
पुणे और नागपुर में तैयार होंगे फ्यूज
बीईएल की तरफ से तोपों के इस बेहद महत्वपूर्ण पुर्जे का निर्माण अपने पुणे और जल्द ही नागपुर में शुरू होने वाले प्लांट में किया जाएगा। मंत्रालय के अनुसार, इस प्रोजेक्ट से डेढ़ लाख मानव दिवस के लिए रोजगार भी उत्पन्न होगा। साथ ही गोला-बारूद निर्माण में एमएसएमई और अन्य भारतीय उद्योगों की सक्रिय भागीदारी को प्रोत्साहन भी मिलेगा।