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मनरेगा घोटाला में स्वतः संज्ञान लेकर पूजा सिंघल की भूमिका की जांच करेगा हाई कोर्ट

रांची। झारखंड हाई कोर्ट में कई मामलों की सुनवाई हुई। इस दौरान चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा व जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ ने खूंटी में हुए मनरेगा घोटाले में तत्कालीन उपायुक्त पूजा सिंघल की भूमिका की जांच के लिए दाखिल जनहित याचिका पर फैसला सुनाया है। अदालत ने कहा कि इस मामले में स्वत संज्ञान लेकर हाई कोर्ट सुनवाई करेगा।

अदालत ने इस याचिका को स्वतरू संज्ञान में तब्दील करते हुए आगे की सुनवाई के लिए सक्षम बेंच में भेजने का निर्देश दिया। अदालत अब मामले में न्याय मित्र की नियुक्ति कर मामले की सुनवाई करेगी। 15 सितंबर को हाई कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई पूरी करने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। बता दें कि प्रार्थी अरुण कुमार दुबे ने खूंटी में हुए मनरेगा घोटाले की जांच को लेकर याचिका दाखिल की थी।

याचिका नियमों के अनुसार दाखिल नहीं

याचिका में कहा गया है कि इस मामले में खूंटी में 16 प्राथमिकियां की गई हैं। इसकी निगरानी जांच की गई, लेकिन एसीबी ने तत्कालीन उपायुक्त पूजा सिंघल की भूमिका की जांच नहीं की। इसकी जांच ईडी से कराने का आग्रह किया गया था। पूर्व में सरकार की ओर से याचिका पर सवाल उठाते हुए कहा गया था कि यह याचिका सुनवाई योग्य नहीं है। सरकार की ओर से कहा गया कि याचिका नियमों के अनुसार दाखिल नहीं की गई है।

प्रार्थी का क्रेडेंशियल दाखिल नहीं

प्रार्थी का क्रेडेंशियल भी दाखिल नहीं किया गया है। इस आधार पर याचिका रद्द करना चाहिए। प्रार्थी की ओर से अदालत को बताया गया था कि सरकार का आरोप उचित नहीं है। याचिका दायर करते समय प्रार्थी ने क्रेडेंशियल दिया है। इस याचिका पर कई बार पूर्व में सुनवाई हुई है और कोर्ट ने इस पर कई आदेश भी जारी किए हैं।