खंडवा। घरेलू गैस की टंकियों के अवैध गोदाम में आग और विस्फोट में दो लोगों की मौत हो गई है। घटना के लिए जिम्मेदार आरोपित राजेश पंवार ने शनिवार को अपनी पत्नी माधुरी और रविवार को अपने पुत्र को खो दिया, वहीं इस हादसे में घायल छह अन्य लोगों का उपचार चल रहा है। इस अवैध धंधे की वजह से परिवार ही उजड़ गया है। आरोपित राजेश जेल में है।
शहर में 27 दिसंबर की रात में हुए गैस कांड की आग में झुलसी 42 वर्षीय माधुरी पत्नी राजेश पंवार की तीन दिन बाद उपचार के दौरान शनिवार को इंदौर में मौत हो गई। रविवार को 22 वर्षीय बेटे दीपक ने भी दम तोड़ा दिया है। इलाज इंदौर के एमवाय अस्पताल में चल रहा था। दोनों मृतक घटना वाले दिन ब्लास्टिंग की चपेट मे आने से 90 प्रतिशत तक झुलस गए थे।
गैस टंकी में हुए विस्फोट की चपेट में आने से राजेश की पत्नी माधुरी और दो बेटे दीपक और रोशन गंभीर रूप से घायल हुए थे। इनका इंदौर में उपचार चल रहा था। तीन दिन से मां-बेटा वेंटिलेटर पर ही थे। घटना के बाद उन्हे पहले जिला अस्पताल लेकर जाने पर हालत गंभीर होने से डाक्टर ने तत्काल इंदौर रेफर कर दिया था। इंदौर में वेंटिलेटर पर जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष करते रहे। अंततः मां माधुरी और 22 वर्षीय बेटा दीपक जिंदगी से हार गए। आग की चपेट में आने से आरोपित राजेश की मां 65 वर्षीय कलावती पंवार, कर्मचारी 16 वर्षीय भानुप्रताप भांवरे, 16 वर्षीय हर्षल भगत और 32 वर्षीय सतीश विश्वकर्मा का उपचार चल रहा है।
जिम्मेदारों पर नहीं हुई प्रभावी कार्रवाई
इस गैसकांड में दो मौत के बाद भी इसके लिए जिम्मेदारों और इसे गैस की टंकियां उपलब्ध करवाने वाली गैस एजेंसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है। बताया जाता है गैस एजेंसी संचालक रसूखदार होने से विभाग कार्रवाई करने में उदासीनता बरत रहा है। कोतवाली पुलिस द्वारा इस मामले में दर्ज प्रकरण में दो मौत के बाद आरोपित के विरूद्ध गैर इरादतन हत्या की धाराएं भी बढा सकती है।