दाउदनगर (औरंगाबाद)। अक्षरा सिंह के कार्यक्रम में हंगामा को लेकर 200 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। वह दाउदनगर में एक उद्घाटन समारोह में पहुंची थीं। जब अक्षरा सिंह को व्यावसायिक प्रतिष्ठान से निकाल रही थी, तब उग्र भीड़ नजदीक आने की कोशिश करने लगी। फिर रोड़ेबाजी की गई। पुलिस ने व्यवस्था नियंत्रण के लिए हल्का बल प्रयोग किया। इसके बाद अक्षरा सिंह को सुरक्षित निकाल लिया गया। पुलिस कर्मी कन्हैया कुमार घायल हो गए।
भखरुआं टीओपी प्रभारी नवल किशोर मंडल द्वारा 200 अज्ञात के विरुद्ध प्राथमिकी की गई है। घटना की वजह को लेकर कई तरह की चर्चा है। जानकारी के अनुसार अक्षरा सिंह को जब व्यावसायिक प्रतिष्ठान के पिछले दरवाजे से निकाला गया तब दरवाजे पर उनका वाहन नहीं था। नतीजा यह हुआ कि भीड़ उनके करीब आने लगी जिसे हटाने के बाद यह घटना घटी। चर्चा के अनुसार अक्षरा को लेकर आया वाहन बिना उनको लिए चला गया जिस कारण स्थिति बिगड़ी। कई बाइक तोड़ दिए गए। कई लोग चप्पल छोड़कर भागे।
डॉ प्रकाशचंद्र न होते तो क्या होता
डॉ. प्रकाशचंद्र के अनुसार अक्षरा सिंह का वाहन लेकर उनके कर्मी भाग गए तो समझा जा सकता है कि घटना की गंभीरता कितनी बड़ी है। उनका कहना है कि ऐसी स्थिति में उन्होंने पुलिस पदाधिकारी से साफ कहा कि यदि आप नहीं निकाल सकते हैं तो मैं निकाल कर ले जाऊंगा। अंत में यही हुआ। अपने सुरक्षा गार्ड के साथ डॉ. प्रकाश चंद्र ने अक्षरा सिंह को लेकर अपने वाहन से निकाला और फिर बाद में अक्षरा अपने वाहन से सुरक्षित पटना के लिए रवाना हो गई। उन्होंने कहा कि दाउदनगर के लोगों को गंभीरता से इस मुद्दे पर विचार करना चाहिए। इस तरह की घटना होने से शहर की छवि खराब होती है। सभ्य समाज का निर्माण सबके सहयोग से होता है। ऐसी घटना दो बार हो चुकी है।