लखनऊ। माफिया अतीक अहमद तथा अशरफ हत्याकांड की जांच रिपोर्ट से अब जल्द पर्दा उठेगा। इस संदर्भ में न्यायिक आयोग की जांच रिपोर्ट गुरुवार को कैबिनेट की बैठक में पेश किया गया। कैबिनेट ने जांच रिपोर्ट को विधानसभा के पटल पर रखने की मंजूरी दे दी है। अगले महीने प्रस्तावित बजट सत्र के दौरान सदन में रिपोर्ट रखने के साथ ही सार्वजनिक होने पर उमेश पाल की हत्या में वांछित अभियुक्तों की पुलिस से हुई मुठभेड़ की घटना की न्यायिक जांच रिपोर्ट से भी पर्दा उठ जाएगा।
प्रयागराज में 25 जनवरी 2005 को हुए पश्चिमी क्षेत्र के विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की बदमाशों ने प्रयागराज में 24 फरवरी 2023 को गोलियां मारकर हत्या कर दी थी। उमेश पाल हत्याकांड में शामिल शूटर अरबाज व विजय चौधरी को पुलिस ने 6 मार्च 2023 को ढेर कर दिया था। इसके बाद 13 अप्रैल को एसटीएफ ने झांसी के बड़ागांव में अतीक के बेटे असद और मोहम्मद गुलाम को भी मार गिराया था। इस एनकाउंटर पर उठे सवालों के बाद सरकार ने 15 अप्रैल को हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति राजीव लोचन मेहरोत्रा की अध्यक्षता में दो सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग का गठन किया था। पूर्व डीजी विजय कुमार गुप्ता को आयोग का सदस्य बनाया गया था।
बीते दिनों आयोग ने अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपी थी, जिसे गुरुवार को कैबिनेट में पेश किया गया है, वहीं अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या की न्यायिक जांच रिपोर्ट भी कैबिनेट में पेश कर दी गई है। उमेश पाल हत्याकांड के आरोपी अतीक और अशरफ की प्रयागराज के अस्पताल परिसर में 15 अप्रैल 2023 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसकी जांच के लिए इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायमूर्ति दिलीप बाबा साहब भोंसले की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन सरकार ने किया था। झारखंड उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह, इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायमूर्ति अरविंद कुमार त्रिपाठी, पूर्व पुलिस महानिदेशक सुबेश कुमार सिंह और सेवानिवृत जिला जज बृजेश कुमार सोनी को भी आयोग में सदस्य बनाया गया था।