Home » पीटरसन ने खोला 2012 के भारत दौरे पर स्पिनरों के खिलाफ अपनी कामयाबी का राज
खेल

पीटरसन ने खोला 2012 के भारत दौरे पर स्पिनरों के खिलाफ अपनी कामयाबी का राज

SPORTS. पीटरसन ने मुंबई में दूसरे टेस्ट में 233 गेंदों में 186 रन बनाये थे जो भारत में किसी विदेशी बल्लेबाज के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन में से एक है।उस पारी ने पहला टेस्ट हार चुके इंग्लैंड के पक्ष में पासा पलट दिया था और 27 साल में इंग्लैंड ने भारत में पहली श्रृंखला जीती। भारत के खिलाफ पांच टेस्ट की श्रृंखला से पहले पीटरसन ने पुरानी यादें ताजा करते हुए कहा ,‘‘ मैं , जो रूट, जॉनी बेयरस्टो हर समय नेट्स पर अपने डिफेंस पर काम करते थे। हम फ्रंटफुट पर नहीं खेलने का अभ्यास करते थे। हमारी कोशिश कर गेंद को आफ साइड पर खेलने की होती थी।’’

उन्होंने कहा ,‘‘ रक्षात्मक खेलने में कुछ गलत नहीं है। डिफेंस मजबूत होने से ही आप आक्रामक होकर खेल सकते हैं। स्ट्रेट खेलना और फ्रंटफुट आगे नहीं लाना, गेंद का इंतजार करना यह सब बहुत जरूरी है। ’’ पीटरसन ने भारतीय आफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन की ‘दूसरा’ को बखूबी खेला था। उन्होने कहा ,‘‘ मैने अश्विन की दूसरा पकड़ ली थी। वह अपने रनअप की शुरूआत से पहले ही गेंद से एक्शन बना लेता है। वह एक आफ स्पिनर की तरह गेंद हाथ में लेकर नहीं दौड़ता और बाद में इसे बदलकर ‘दूसरा’ फेंकता है। मुझे 100 फीसदी यकीन रहता था कि वह दूसरा कब डालेगा। मैने उसकी इस गेंद पर कई बार शॉट खेले हैं।’’

उन्होंने कहा ,‘‘ मैने जडेजा को भी काफी खेला है। वह मुरली या शेन वॉर्न नहीं है। वह बायें हाथ का स्पिनर है और एक तरीके से गेंद डालता है। अगर आपकी तकनीक मजबूत है तो उसे खेलने में दिक्कत नहीं आयेगी।