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छत्तीसगढ़

कोरबा की पूर्व कलेक्टर रानू साहू समेत 104 पर दो नई एफआईआर, इन्हें बनाया गया आरोपी

रायपुर। केंद्रीय प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के बाद एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) व ईओडब्लू ने महादेव सट्टा एप और डीएमएफ घोटाले में दो नई एफआईआर दर्ज की है। ईडी के प्रतिवेदन के आधार पर एसीबी-ईओडब्लू ने आईएएस रानू साहू, कई आईएएस-आईपीएस के अलावा कुछ पुलिस अधिकारियों व वर्तमान और पूर्व विधायक के खिलाफ केस दर्ज किया है। एफआईआर में कुछ खनिज अधिकारियों, ठेकेदारों और कंपनी के मालिक समेत 104 से ज्यादा लोगों के नाम हैं। महादेव सट्टा में 60 से ज्यादा और डीएमएफ में 54 से ज्यादा लोगों को आरोपी बनाया गया है। इनमें कुछ खनिज अधिकारियों, ठेकेदारों और कंपनी के मालिक हैं।

बता दें कि छत्तीसगढ़ में दो हजार करोड़ के आबकारी और 554 करोड़ के अवैध कोल परिवहन घोटाले को लेकर जमकर सियासत हुई थी।विधानसभा चुनाव में तत्कालीन कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार को छत्तीसगढ़ में हुए घोटालों को लेकर बीजेपी ने घेरा था। इस दौरान शराब घोटाले और महादेव सट्टा एप मामले में भी कई नेताओं से पूछताछ की गई थी।

दो दिन में दर्ज किया केस

बता दें कि डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन घोटाले के मामले में कार्रवाई के लिए कहा गया था। इसके अलावा मनी लॉड्रिंग सट्टेबाजी में 500 करोड़ और हवाला केस में भी कार्रवाई के लिए चिट्ठी लिखी है।

महादेव सट्टा एप मामले में पुलिस अधिकारी भी घेरे में

छत्तीसगढ़ के सबसे चर्चित मनी लॉड्रिंग और हवाला केस में कई पुलिस अधिकारी और पुलिस जवानों के नाम सामने आ रहे हैं। इसके चलते महादेव सट्टा एम में मनी लॉड्रिंग और हवाला केस में आईपीसी की धारा 120बी, 420, 467, 468, 471 और 12 पीआरई के तहत केस दर्ज किया गया है। जिसमें कारोबारी सौरभ चंद्राकर के अलावा एएसआई सतीश चंद्राकर, सिपाही भीम सिंह यादव, हवाला कारोबारी अनिल दम्मानी के अलावा कई बड़े पुलिस अधिकारी, कर्मचारी, विधायक नेता, कारोबारी शामिल हैं।

आईएएस पर डीएमएफ फंड में हेराफेरी का आरोप

बता दें कि कोरबा कलेक्टर के पद पर रहते हुए आईएएस रानू साहू ने डीएमएफ फंड में हेराफेरी की है। इस आरोप के तहत ईडी ने जेल में बंद आईएएस रानू साहू से लंबी पूछताछ भी की है। इस मामले में कोरबा और रायगढ़ के अन्य कलेक्टर भी जांच के घेरे में हैं। बता दें कि इस मामले में पूर्व में खनिज विभाग के अफसरों से भी पूछताछ की जा चुकी है। इसमें कुछ पूर्व विधायक, रिटायर आईएएस समेत वर्तमान विधायकों के साथ 54 से अधिक लोगों को आरोपी बनाया गया है।

इन पर दर्ज की गई एफआईआर

ईओडब्ल्यू-एसीबी ने कई चर्चित लोगों पर केस दर्ज किया है। ये आबकारी और कोल परिवहन घोटाला मामले से जुड़े हुए हैं। इस मामले में जिन पर एफआईआर दर्ज की गई है, उसमें पूर्व आबकारी मंत्री व वर्तमान विधायक कवासी लखमा, पूर्व खाद्य मंत्री अमरजी भगत, पूर्व विधायक बृहस्पत सिंह, गुलाब कमरो, यूडी मिंज, निलंबिल आईएएस समीर विश्नोई और रानू साहू, पूर्व उप सचिव सौम्या चौरसिया, सहायक खनिज अधिकारी संदीप कुमार नायक समेत कई नाम शामिल हैं।

हाईकोर्ट में मामला विचाराधीन

पूर्व की कांग्रेस सरकार के दौरान आबकारी और कोल परिवहन केस के मामले में प्रतिवेदन भेजा था। इसके बाद ईडी ने महादेव सट्टा और डीएमएफ घोटाला की जांच के लिए प्रतिवेदन भेजा था। इन चारो मामले में तत्कालीन कांग्रेस सरकार और एसीबी-ईओडब्ल्यू ने कार्रवाई में लेटलतीफी की और इसे टालकर कोई एक्शन नहीं लिया गया। इसके बाद हाईकोट में उक्त मामलों की जांच के लिए याचिका दायर की गई। हाईकोर्ट में याचिका दायर होने के बाद छत्तीसगढ़ की राजनीति में सबसे ज्यादा हलचल हुई। हालांकि हाईकोर्ट में यह मामला विचाराधीन हैं।