वाराणसी। वाराणसी की एक अदालत ने बुधवार को हिंदुओं को ज्ञानवापी मस्जिद के सीलबंद तहखाने के अंदर पूजा करने की अनुमति दे दी। कोर्ट ने जिला प्रशासन को अगले सात दिनों में जरूरी इंतजाम करने को कहा है। अदालत के आदेश के अनुसार, हिंदू श्रद्धालु अब ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर एक सील क्षेत्र ‘व्यास का तहखाना’ में प्रार्थना कर सकते हैं।
पत्रकारों से बात करते हुए, हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा, “हिंदू पक्ष को ‘व्यास का तहखाना’ में प्रार्थना करने की अनुमति दी गई है। जिला प्रशासन को सात दिनों के अंदर व्यवस्था करनी होगी। अब सभी को पूजा करने का अधिकार होगा।”
मुस्लिम पक्ष ने कहा कि वह कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील करेगा। मौलाना खालिद राशिद फिरंगी महली ने ज्ञानवापी के फैसले पर प्रतिक्रिया जताते हुए कहा कि हम कोर्ट के इस फैसले से बेहद निराश हैं। इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट जाने का विकल्प खुला हुआ है।
मालूम हो कि इस तहखाने में 1992 से पहले व्यास परिवार पूजा-पाठ करता था। यहाँ पर सोमनाथ व्यास पुजारी के तौर पर पूजा-पाठ किया करते थे। 5 दिसंबर, 1992 में तत्कालीन यूपी सरकार ने पूजा करने से रोक लगा दी और तहखाने में पूजा बंद करवा दी गई। ये सब बाबरी मस्जिद को गिराए जाने से ठीक एक दिन पहले रोक लागाई गई थी।