कोरबा। जिले में एक मार्च से स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने की शुरुआत की जाएगी। इससे रीडिंग में देरी के कारण सरचार्ज देने का झंझट खत्म हो जाएगा और उपभोक्ता मोबाइल की तरह प्री-पैड रिचार्ज कर सकेंगे। जितनी खपत होगी, उतने पैसे कटते जाएंगे।
बिजली विभाग से मिली जानकारी अनुसार मीटर लगाने के लिए टेंडर व अन्य प्रक्रिया पूरी होने के बाद रायपुर की कंपनी को मीटर लगाने का काम सौंप दिया गया है। जिले के 2 लाख से अधिक उपभोक्ताओं के घरों में मीटर लगाने का कार्य अगले माह से शुरू हो जाएगा।
बिजली वितरण विभाग बिजली संबंधी शिकायतों को दूर करने और बिजली चोरी रोकने के लिए स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने की शुरुआत करने वाली है। मीटर लग जाने के बाद उपभोक्ता मोबाइल की तरह मीटर को भी रिचार्ज करेंगे और बिजली का उपयोग कर पाएंगे। साथ ही बिजली विभाग की हर साल सरकारी व निजी बकायादारों से बिल वसूली से छुटकारा भी मिलेगा।
0 जीपीएस से निगरानी भी
स्मार्ट मीटरों में मोबाइल की तरह ही एक सिम कार्ड लगा रहेगा। इस सिम के जरिए बिजली खपत की रीडिंग बिजली कंपनी के सर्वर तक अपने आप पहुंच जाएगी। यह प्री-पेड सिम होगा, यानी जितने रुपये का रिचार्ज करवाएंगे, उतनी राशि तक बिजली का उपयोग कर सकेंगे। बैलेंस खत्म होने पर सप्लाई बंद हो जाएगी। हालांकि तीन दिन पहले रजिस्टर्ड मोबाइल पर मैसेज के जरिए इसकी सूचना आने लगेगी। इन कवायदों के बावजूद कनेक्शन में छेड़छाड़ और बिजली चोरी की आशंका से पूरी तरह इनकार नहीं किया जा सकता, इसलिए बिजली कंपनी जीपीएस से निगरानी भी करेगी। संदेहास्पद इलाकों में विजिलेंस टीमें फिजिकल वेरिफिकेशन करेंगी।
स्मार्ट प्री-पेड मीटर के लिए उपभोक्ताओं को कोई शुल्क नहीं देना पड़ेगा। एक मीटर लगाने पीछे विभाग की ओर से लगभग 6 हजार रुपये खर्च किए जाएंगे, जिसे कंपनी वहन करेगी । बकाया राशि किस्तों में जमा करने की सुविधा दी जाएगी। कंट्रोल रूम से स्मार्ट प्री-पेड मीटर के संचालन संबंधी सारे काम किए जाएंगे।
जानकारी अनुसार बिजली उपभोक्ताओं की तीन कैटेगरी बनाई गई है। घरेलू, व्यवसायिक और औद्योगिक। सबसे पहले घरेलू उपभोक्ताओं के घरों में यह स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। उसके बाद व्यावसायिक कनेक्शन में और तीसरे चरण में उद्योगों में स्मार्ट बिजली मीटर लगाए जाएंगे। पहले स्मार्ट प्री-पेड मीटर 25 हजार घरों में लगाए जाएंगे।