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छत्तीसगढ़

प्राचीन मंदिर से भंवर गणेश की ग्रेनाइट मूर्ति चौथी बार चोरी, पुलिस के अधिकारी मौके पर पहुंचे

बिलासपुर। मस्तूरी क्षेत्र के इटवा पाली स्थित ऐतिहासिक मंदिर से 10वी, 11वी ंशताब्दी की दुर्लभ भंवर गणेश (गरूण) की मूर्ति को अज्ञात चोरों ने पार कर दिया है। मूर्ति की अनुमानित कीमत 2 करोड़ कीमत की बताई जा रही है। मूर्ति करीब 3 फीट उंची व 65 किलो वजनी है। मूर्ति की चोरी चौथी बार हुई है। एक बार पहले चोरी का प्रयास हुआ था।

ग्रामीणों ने बताया कि सुबह-सुबह जब मंदिर का दरवाजा खोला गया तो देखा कि ताला टूटा हुआ है। गर्भगृह से मूर्ति गायब है। इसकी सूचना ग्रामीणों ने तत्काल मस्तूरी पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस की टीम ने जांच शुरू कर दी है। इटवा पाली स्थित भंवर गणेश की यह मूर्ति ग्रेनाइट की दुलर्भ मूर्ति है। जो मल्हार स्थित डिडनेश्वरी देवी की समकालीन है। सातवीं से दसवीं सदी के बीच विकसित मल्हार की मूर्तिकलाओं में भंवर गणेश को भी प्रमुख माना जाता है। मल्हार में बौद्ध स्मारकों व प्रतिमाओं का निर्माण इस काल की विशेषता माना जाता है। मल्हार व आसपास में कई प्राचीन मंदिरों के अवशेष मिलते हैं। यह एक महत्वपूर्ण पुरातत्व स्थल है।

पुलिस की टीम जांच में जुटी

घटना के बाद पुलिस महकमे में हड़कंच मच गया है। कुछ दिनों पहले ही मूर्ति चोरी के मामले को पुलिस ने सुलझा लिया था। एक बार फिर चोरों ने मूर्ति को गायब कर दिया है। प्रभारी एसपी अर्चना झा सहित पुलिस के अफसर मौके पर पहुंचकर आगे की जांच में जुटे हुए हैं।

सुरक्षा के इंतजाम नहीं

इसी मंदिर में तीन बार पहले भी चोरी हो चुकी है। पहली बार 2004 में प्रतिमा की चोरी हुई, लेकिन चोर जिले से बाहर नहीं जा सके। इसके बाद अप्रैल 2006 में चोरी हुई। 2007 में भी मंदिर से मूर्ति चोरी करने की कोशिश हुई। 26 अगस्त 2022 को चोरी हुई थी, लेकिन मंदिर की सुरक्षा के लिए शासन प्रशासन की ओर से अब तक ठोस कदम नहीं उठाया गया है। जिसकी वजह से प्राचीन मूर्तियों की लगातार चोरी हो रही है।