न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी को लेकर कानून बनाने समेत विभिन्न मांगों के लिए पंजाब-हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसानों ने राष्ट्रव्यापी विरोध-प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों की जवानों के साथ झड़प भी हुई। जिसमें कई घायल भी हुए। सड़कों पर प्रदर्शनकारियों के आंदोलन के चलते आम लोगों को भी खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा। आज आंदोलन का दूसरा दिन है। आज फिर जवान सीमाओं पर कड़े पहरों के साथ पूरी मुस्तैदी के साथ खड़े हैं। वहीं किसानों ने भी दिल्ली कूच करने की पूरी तैयारी कर ली है।
पंजाब-हरियाणा सीमा पर पुलिस के साथ झड़पों से प्रभावित प्रदर्शनकारी किसानों ने आंसू गैस, पानी की बौछारों और पुलिस के साथ एक दिन का संघर्ष झेला, जिसके बाद अब बुधवार को दिल्ली की ओर अपना विरोध मार्च फिर से शुरू कर दिया है। वहीं पंजाब के राजपुरा बाईपास पर पंजाब किसान मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि केंद्र के साथ कल शाम 5 बजे बैठक होगी।
कल तीसरे दौर की बैठक
इससे पहले मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बताया जा रहा था कि प्रदर्शनकारी किसानों की गुरुवार (15 फरवरी) को केंद्र के साथ तीसरे दौर की बातचीत होने की संभावना है। गुरुवार को किसान नेताओं और केंद्रीय मंत्री के बीच तीसरे दौर की बैठक होने जा रही है।
आज फिर आंसू गैस के गोले दागे
विरोध प्रदर्शन के दूसरे दिन पंजाब-हरियाणा सीमा पर शंभू में सैकड़ों ट्रैक्टर ट्रॉलियों को कतार में देखा गया, क्योंकि भारी सुरक्षा तैनाती, कंक्रीट बैरिकेडिंग और खोदी गई सड़कों के बावजूद किसानों ने अपना ‘दिल्ली चलो’ मार्च जारी रखा। प्रदर्शनकारियों को बैरिकेड के पास जाने से रोकने के लिए पुलिस कर्मियों ने बुधवार को फिर से उन पर आंसू गैस के गोले दागे।
बता दें कि अब तक दो दौर की बातचीत हो चुकी है। केंद्र के साथ बेनतीजा बातचीत के बाद ‘दिल्ली चलो’ मार्च का नेतृत्व संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा कर रहे हैं। उनकी मांगों में फसलों के लिए एमएसपी पर कानून और कर्ज माफी शामिल है।