भारतीय महिला टीम ने बैडमिंटन एशिया टीम चैंपियनशिप का खिताब जीत लिया है। इसी के साथ ही भारत की बेटियों ने इतिहास रच दिया है। युवा अनमोल खरब ने एक बार फिर शानदार प्रदर्शन कर टीम इंडिया की जीत में अहम भूमिका निभाई। रोमांचक फाइनल में भारत ने थाईलैंड को 3-2 से हराकर अपना पहला स्वर्ण पदक जीता।
पीवी सिंधू के नेतृत्व में भारतीय महिला टीम के युवा और तेजतर्रार समूह ने थाईलैंड की उम्मीदों पर पानी फेर दिया और दो बार की कांस्य पदक विजेता थाईलैंड के खिलाफ जीत हासिल की।
विश्व नंबर 23 त्रिशा जॉली और गायत्री गोपीचंद ने इसके बाद अपना शानदार प्रदर्शन जारी रखा और दुनिया की नंबर 10 जोड़ी के खिलाफ चौंका देने वाला प्रदर्शन किया। जोंगकोलफान कितिथाराकुल और राविंडा प्रा जोंगजई की जोड़ी को त्रिशा-गायत्री की जोड़ी ने 21-16, 18-21, 21-16 से हराया और भारत को ड्राइवर सीट पर बैठा दिया। विश्व नंबर 18 खिलाड़ी बुसानन ओंगबामरुंगफान के खिलाफ अपना दूसरा एकल मुकाबला खेल रहीं अश्मिता चलिहा से काफी उम्मीदें थीं। शनिवार को अश्मिता ने पूर्व विश्व चैंपियन जापान की नोजोमी ओकुहारा के खिलाफ शानदार जीत हासिल की थी।
अश्मिता ने 2022 में सिंगापुर ओपन के दौरान बुसानन को हराया था। वह दूसरे गेम में 14-14 तक मैच में बनी रहीं, लेकिन उसके बाद अप्रत्याशित गलतियां अश्मिता को महंगी पड़ीं और वह अनुभवी थाई खिलाड़ी से 11-21 14-21 से हार गईं। युवा श्रुति मिश्रा और सीनियर राष्ट्रीय चैंपियन प्रिया कोन्जेंगबाम के लिए बेन्यापा ऐम्सार्ड और नुनटाकर्न ऐम्सार्ड की दुनिया की 13वें नंबर की जोड़ी को हराना एक कठिन काम होने वाला था और दुनिया की 107वें नंबर की भारतीय जोड़ी उम्मीद के मुताबिक 29 मिनट तक तले मुकाबले में 11-21, 9-21 से हार गई।
मुकाबला 2-2 से बराबरी पर था और ऐसे में एक बार फिर से पूरी जिम्मेदारी अनमोल खरब पर थी। उन्होंने फिर से भारत को जीत दिलाने की जिम्मेदारी उठाई और उन्होंने निर्णायक तीसरे एकल में दुनिया की 45वें नंबर की खिलाड़ी पोर्नपिचा चोइकीवोंग पर 21-14, 21-9 की शानदार जीत हासिल की और भारत को चैंपियन बनाया। जीत के तुरंत बाद पूरी टीम अनमोल को उठाने के लिए दौड़ पड़ी और सेतिया सिटी कन्वेंशन सेंटर में जीत का शानदार जश्न मनाया।