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दिल्ली-एनसीआर

मासूम की चोरी कर रेप और हत्या के मामले में ट्रांसजेंडर व्यक्ति को कोर्ट ने सुनाई मौत की सजा

महाराष्ट्र। मुंबई की एक स्पेशल कोर्ट ने साल 2021 में तीन महीने की बच्ची के साथ बलात्कार और हत्या के लिए एक ट्रांसजेंडर व्यक्ति को मौत की सजा सुनाई।

जज अदिति कदम ने फैसला सुनाते हुए कहा कि उम्रकैद नियम है और मौत की सजा अपवाद है। रेयर ऑफ द रेयरेस्ट फेस में यह सजा मिलती है। यह अपराध ऐसा ही है। इस मामले में अमानवीयता और बर्बरता दिखाई गई।

कोर्ट ने 24 वर्षीय व्यक्ति को रेप, हत्या, अपहरण और POCSO एक्ट के तहत सबूतों को नष्ट करने सहित आरोपों में दोषी पाया जबकि कोर्ट ने एक अन्य सह-अभियुक्त को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया, जिसके ऊपर भी इसी आरोप में मामला दर्ज किया गया था। अदालत ने कहा कि अपराध पूर्व नियोजित था और इससे विशेष रूप से गरीब इलाके में रहने वाली लड़कियों के हर माता-पिता की रूह कांप जाएगी।

0 परिस्थितियों के अनुसार कोर्ट ने  सुनाया फैसला

हालांकि 8 जुलाई, 2021 की आधी रात को उसके घर से बच्चे के अपहरण का कोई चश्मदीद गवाह नहीं था। कोर्ट ने अपना फैसला परिस्थितियों के अनुसार सुनाया, जिसमें परिवार और दो पड़ोसियों की गवाही भी शामिल थी, जिन्होंने दावा किया था कि उन्होंने आरोपी को लगभग 2 बजे अपने कंधे पर “बंडल” ले जाते हुए देखा था।

बच्चे की दादी के अनुसार, घटना के दिन ट्रांसजेंडर उनके घर आए और नवजात बच्चे को आशीर्वाद देने के लिए एक साड़ी, नारियल और 1,100 रुपये सहित उपहार मांगे। दादी ने कहा कि यह कोविड-19 लॉकडाउन का समय था इसलिए उन्होंने पैसे देने में असमर्थता जताई। दादी ने आगे कहा कि इसके बाद उन्होंने उन्हें धमकी दी कि अगले 5-6 दिनों में वह कुछ ऐसा करेगा जिससे उसका नाम बड़ा हो जाएगा।

कैसी हुई थी घटना?

स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर आर वी तिवारी द्वारा प्रस्तुत दलीलों के अनुसार, 8 जुलाई, 2021 को पीड़ित शिशु को उसकी मां ने लगभग 9.30 बजे सुला दिया था। जिस झुग्गी बस्ती में वे रहते थे, वहां गर्मी के कारण परिवार ने अपने घर का दरवाजा खुला रखा था। रात करीब एक बजे मां उठी और बच्ची को दूध पिलाई। इसके बाद जब सुबह करीब 3 बजे वह फिर उठी तो देखा कि बच्ची गायब है, जिसके बाद परिवार ने इलाके में तलाश शुरू की। जब कुछ पता नहीं चला तो पुलिस से संपर्क की।

अगले दिन, परिवार ने अपने पहले के बयान में “धमकी” सहित पिछले दिन की घटना के बारे में बताते हुए आरोपी का नाम लिया। पुलिस ने आरोपी से पूछताछ की और दावा किया कि वह उन्हें 9 जुलाई, 2021 की शाम को उस स्थान पर ले गया, जहां शिशु का शव फेंका गया था।

पुलिस ने दावा किया कि मेडिकल सबूतों से पता चला है कि बच्ची के साथ बलात्कार किया गया फिर सबूत मिटाने के लिए उसे दलदली इलाके में फेंक दिया गया, जहां वह डूब गई और उसकी मौत हो गई।

अदालत ने कहा कि मामला स्पष्ट रूप से “दुर्लभतम” (रेयरेस्ट ऑफ रेयर) की कैटेगरी में आता है और नरमी दिखाने का कोई आधार नहीं है. आरोपी ने एक शिशु की हत्या की जो केवल तीन महीने का था और उसके परिवार की भी उससे पहले कोई दुश्मनी नहीं थी।
अदालत ने आगे कहा, ”आरोपी को एक शिशु की जान लेने और उसके साथ इतना भयानक अपराध करने के लिए उकसाने के लिए उनकी ओर से कोई उकसावे की बात नहीं थी

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