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स्वास्थ्य

रात में नहीं आती नींद, बेचैनी के साथ लगता है डर… Sleep Anxiety का हो सकता है प्रॉब्लम

यदि आपको ठीक से नींद नहीं आती है और तनावग्रस्त रहते हैं, तो आपको स्लीप एंग्जाइटी (Sleep Anxiety) का प्रॉब्लम हो सकता है। स्लीप एंग्जाइटी एक मेंटल हेल्थ प्रॉब्लम है, जिसमें व्यक्ति को ठीक से नींद नहीं आती और बेचैनी सी महसूस होती है।

स्लीप एंग्जाइटी (Sleep Anxiety) एक मेंटल हेल्थ प्रॉब्लम है जिसमें व्यक्ति को नींद नहीं आती है, सारी रात इंसान जागता रहता है। वह चाहकर भी नींद नहीं ले पाता। पर्याप्त व ठीक से नींद नहीं होने के कारण आगे चलकर व्यक्ति इनसोम्निया का शिकार हो सकता है। आज कई लोग इस बीमारी से जूझ रहे हैं, पर वे इसे समझ नहीं पाते। आज हम आपको बताएंगे कि स्लीप एंग्जाइटी के क्या लक्षण हैं और इससे बचाव का तरीका क्या है-

  •  लक्षण 
    – अगर आप सोते समय लगातार किसी चीज के बारे में सोचते रहते हैं तो ये स्लीप एंग्जाइटी (Sleep Anxiety) के लक्षण हैं क्योंकि सोते समय ओवरथिंकिंग करने से इंसान की नींद प्रभावित होती है।
    – अगर आपको नींद में डरावने सपने दिखाई देते हैं और अचानक से बेचैनी व पसीना आने लगता है तो ये स्लीप एंग्जाइटी के लक्षण हैं। इस अवस्था में इंसान अचानक से नींद से उठ जाता है और उसे घबराहट से महसूस होती है।
    – इस रोग से पीड़ित व्यक्ति गहरी नींद लेना चाहता है, पर उसे नींद नहीं आती। लंबे समय तक बिस्तर पर लेटने के बाद भी उसे नींद नहीं आती। रातभर करवटें ही बदलता रह जाता है।
    – स्लीप एंग्जाइटी (Sleep Anxiety) से पीड़ित व्यक्ति में कुछ शारीरिक लक्षण भी देखने को मिलते हैं। जैसे दिल की धड़कनों का बढ़ जाना, थकान महसूस होना, पसीना आना, सिर दर्द और हाथ-पैरों में कंपकंपी महसूस होना। ये सभी स्लीप एंग्जाइटी के लक्षण हैं।
  • बचने के उपाय
    – स्लीप एंग्जाइटी से पीड़ित व्यक्ति को सोने से पहले कैफिन और निकोटीन युक्त पदार्थों के सेवन से दूर रहना चाहिए।
    – रात को सोने से पहले मेडिटेशन और ब्रीदिंग एक्सरसाइज करें, इससे आपका दिमाग शांत होगा और नींद आने में मदद मिलेगी।
    – बेडरूम में सोते समय अंधेरा रखें, क्योंकि लाइट जलने की वजह से भी नींद नहीं आती है। इसके अलावा अपने कंफर्ट के हिसाब से गद्दे व तकिए का इस्तेमाल करें।
    – सोने से पहले मोबाइल फोन और अन्य इलेक्ट्रानिक डिवाइज का इस्तेमाल ना करें, क्योंकि स्क्रीन से निकलने वाली ब्लू लाइट मेलाटोनिन हार्मोन को कम करती है जिसकी वजह से इंसान की नींद पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
    – अगर इतना करने के बाद भी आपको नींद की परेशानी बनी हुई है तो किसी मनोचिकित्सक या प्रोफेशनल थेरेपिस्ट से संपर्क कर सकते हैं।

 

डिस्क्लेमर : यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। Today Studio लेख की पुष्टि नहीं करता है। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर की सलाह लें।