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उत्तर प्रदेश

किन्नर महामंडलेश्वर हिमांगी सखी वाराणसी से लड़ेंगी चुनाव : पीएम को लेकर कही बड़ी बात…

वाराणसी लोकसभा सीट से किन्नर महामंडलेश्वर हिमांगी सखी मैदान में उतरेंगी। अखिल भारतीय हिन्दू महासभा ने हिमांगी को वाराणसी से प्रत्याशी घोषित किया है। वह 12 अप्रैल को बनारस पहुंचेंगी और बाबा विश्वनाथ का आशीर्वाद लेकर अपने चुनाव प्रचार की शुरुआत करेंगी।

महामंडलेश्वर हिमांगी सखी ने कहा कि पूरे देश में किन्नर समाज की स्थिति दयनीय है। किन्नर समाज के लिए एक भी सीट आरक्षित नहीं की गई है। किन्नर समाज अपनी बात लोकसभा और विधानसभा में कैसे रखेगा? किन्नर समाज का नेतृत्व कौन करेगा? किन्नर समाज की भलाई के लिए मैंने धर्म से राजनीति की ओर रुख किया है।

हिमांगी सखी ने कहा कि हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरोध में नहीं हैं, उन्होंने भी धर्म का काम किया है। हमारा प्रयास सिर्फ इतना ही है कि हमारी बात सरकार के कानों तक पहुंचे। इसीलिए वाराणसी संसदीय सीट से चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है।

हिमांगी किन्नरों के लिए समान अधिकारों की लड़ाई लड़ रही हैं। वह पांच भाषाओं में भागवत कथा सुनाती हैं। वाराणसी से पीएम नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं। वाराणसी में अंतिम चरण में एक जून 2024 को वोट डाले जाएंगे। हिन्दू महासभा ने वाराणसी के साथ ही 20 सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान किया है।

0 अर्द्धनारीश्वर को भूल गई सरकार

महामंडलेश्वर ने कहा कि सरकार ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा दिया है। हम इसकी सराहना करते हैं, बेटियां जगतजननी का स्वरूप हैं लेकिन किन्नर बचाओ-किन्नर पढ़ाओ की आवश्यकता नहीं समझी गई।  सरकार अर्द्धनारीश्वर को भूल गई। यह नारा हम भी सुनना चाहते हैं, वह दिन कब आएगा? केंद्र सरकार ने ट्रांसजेंडर पोर्टल जारी कर दिया लेकिन क्या किन्नरों को इसके बारे में पता है। जो सड़क पर भीख मांग रहे हैं, उनको पता ही नहीं है कि उनके लिए कोई पोर्टल भी है।

उन्होंने सवाल उठाया कि जब सरकार ने पोर्टल जारी किया तो प्रचार क्यों नहीं किया ? किन्रर बोर्ड बनाने से कुछ नहीं होता है। सरकार को किन्नर समाज के लिए सीट आरक्षित करनी पड़ेगी, तब जाकर स्थितियां बदलेंगी।

0 भागवत हर किसी को सुनना और समझना चाहिए : हिमांगी 
हिमांगी का मानना है कि भागवत हर किसी को सुनना और समझना चाहिए। भागवत सुनने की प्रक्रिया में भाषा बाधा न हो इसलिए वह श्रोताओं को उनकी भाषा में भागवत कथा सुनाती हैं। हिमांगी के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते रहते हैं। उनके फैन और फॉलोवर्स की काफी संख्या है।
माता-पिता के निधन के बाद बहन की शादी हो गई। इसके बाद हिमांगी वृंदावन पहुंचीं और वहां जाकर शास्त्रों का अध्ययन शुरू कर दिया। फिर गुरू के आदेश पर वे धर्म प्रचार के लिए वापस मुंबई लौटीं। मुंबई मायानगरी है तो यहां हिमांगी सखी ने फिल्मों में काम करने का भी प्रयास किया। कई रोल किए लेकिन मन नहीं रमा तो वापस धर्म प्रचार के काम में जुट गई। वहीं से भागवत कथा सुनाने का सिलसिला चालू हुआ।
अब तक वह बैंकाक, सिंगापुर, मारीशस, मुंबई, पटना आदि जगहों पर 50 से अधिक भागवत कथाएं कर चुकी हैं। देश-विदेश में पूरे वर्ष उनका कार्यक्रम रहता है। हिमांगी सखी को महामंडलेश्वर की उपाधि पशुपतिनाथ पीठ अखाड़े से मिली है। यह अखाड़ा नेपाल में है। वर्ष 2019 में प्रयागराज में हुए कुंभ में नेपाल के गोदावरी धाम स्थित आदिशंकर कैलाश पीठ के आचार्य महामंडलेश्वर गौरीशंकर महाराज ने उन्हें पशुपतिनाथ पीठ की तरफ से महामंडलेश्वर की उपाधि दी।