नई दिल्ली । रक्षा मंत्रालय ने भारत की सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को 65 हजार करोड़ का टेंडर जारी किया है। इसके तहत एचएएल से 97 एलसीए मार्क 1ए (तेजस) फाइटर जेट्स खरीदे जाएंगे। यह भारत सरकार द्वारा स्वदेशी मिलिट्री हार्डवेयर के लिए दिया गया सबसे बड़ा ऑर्डर हो सकता है।
रक्षा मंत्रालय ने एचएएल को टेंडर पर जवाब देने के लिए तीन महीने का समय दिया है। अगर यह डील हो जाती है तो इससे वायुसेना के मिग-21, मिग-23 और मिग-27 जैसे फाइटर जेट्स की जगह भारत में बने एलसीए मार्क 1ए फाइटर जेट्स लेंगे, जो जल्द ही वायुसेना से रिटायर हो जाएंगे। स्वदेशी हथियारों को बढ़ावा देने की दिशा में यह बेहद अहम कदम है। इससे रक्षा क्षेत्र की छोटी और मध्यम वर्ग की कंपनियों के बिजनेस को भी फायदा मिलेगा। प्रधानमंत्री मोदी लगातार एचएएल को बढावा दे रहे हैं और यही वजह है कि सभी प्रकार के स्वदेशी फाइटर जेट्स, हेलीकॉप्टर और इंजन के निर्माण की डील एचएएल को मिल रही हैं।
वायुसेना 83 एलसीए मार्क 1ए का भी दे चुकी है ऑर्डर
वायुसेना एचएल को 83 एलसीए मार्क1ए फाइटर जेट्स का ऑर्डर पहले ही दे चुकी है, जिसके तहत पहला फाइटर जेट कुछ ही हफ्तों में वायुसेना को मिल जाएगा। एलसीए मार्क 1ए, तेजस एयरक्राफ्ट का आधुनिक संस्करण है। 97 एलसीए मार्क 1ए फाइटर जेट्स के सौदे के बारे में भारतीय वायुसेना के चीफ एयरचीफ मार्शल वीआर चौधरी ने स्पेन में पहली बार जानकारी दी थी। हाल ही में वायुसेना चीफ ने स्वदेशी फाइटर जेट्स के प्रोग्राम को लेकर समीक्षा बैठक भी की थी, जिसमें एचएएल के अधिकारी भी शामिल हुए थे।