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अब नहीं होंगे बालासोर जैसे भीषण रेल हादसे! इस हाईटेक तकनीक से लैस होंगी ट्रेनें

जमशेदपुर। देश भर में संचालित सभी लोकोमोटिव इंजन में कार्यरत लोको पायलटों पर अब रेलवे के अधिकारी क्रु वीडियो एंड वॉयस रिकॉर्डिंग सिस्टम (सीवीवीआरएस) की तीसरी आंख से नजर रखेंगे, जो पूरी तरह से हवाई जहाज में लगने वाले ब्लैक बॉक्स की तरह ही होगा। रेलवे बोर्ड ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। इस सिस्टम के तहत इंजन चलाने के दौरान रेलवे 24 घंटे अपने लोको ड्राइवरों की कार्यप्रणाली पर नजर रखेगी, उनकी बातों को भी सुनेगी। रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड ऑर्गेनाइजेशन (आरडीएसओ) द्वारा तैयार ये सिस्टम लोकोमोटिव में ट्रैक साइड या छत की ओर लगाया जाएगा। रेलवे बोर्ड ने अपने आदेश में सभी जोनल रेलवे व प्रोडक्शन यूनिट को इस संबंध में पहल करने का निर्देश दिया है। आदेश के तहत पहले चरण में 5000 क्रू वीडियो एंड वॉयस रिकॉर्डिंग सिस्टम लगाने को कहा गया है। सूत्रों की माने तो यह सिस्टम हवाई जहाज में लगे ब्लैक बॉक्स की तरह काम करेगा।

दुर्घटना होने की स्थिति सीवीवीआरएस सिस्टम घटना से पहले की पूरी जानकारी देगा कि संबधित ट्रेन के चालक दुर्घटना से पहले किस स्थिति में थे और दुर्घटना रोकने पर किस तरह की पहल कर रहे थे। देश भर में संचालित इंजन में लगने वाले सीवीवीआरएस सिस्टम को लेकर ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन ने विरोध शुरू कर दिया है। एसोसिएशन के नेताओं का कहना है कि इस सिस्टम के लगने से कर्मचारियों पर मानसिक दबाव बढ़ जाएगा। एसोसियेशन का कहना है कि एक तो पहले से ही अधिकतर लोको ड्राइवर 12 से 14 घंटे की ड्यूटी करते हैं। ये व्यवस्था प्रभावी होने के बाद लोको ड्राइवर ड्यूटी के दौरान लोको से उतरने, कहीं शौच जाने, सिग्नल नहीं होने पर इंजन से उतरने या ट्रेन चलते समय अपनी सीट पर बैठने व टिफिन खाने पर भी रोक रहेगी। क्योंकि जिन जोन या मंडल में ये सिस्टम लग चुका है। वहां लोको पायलटों को इन्हीं सब कारणों से शोकॉज किया जा चुका है।