नई दिल्ली। हाईकोर्ट के सामने बुधवार को एक अजीबोगरीब मामले पर सुनवाई हुई। ग्वालियर शहर में रहने वाली एक महिला ने आरोप लगाते हुए याचिका दायर की कि उसके पति को उसकी दूर की ननद ने अपने साथ रखा हुआ है। ननद उसके पति को वापस आने नहीं दे रही। इसके बाद बुधवार को युवक कोर्ट के सामने हाजिर हुआ।
कोर्ट ने जब पति से पूछा कि आखिर मामला क्या है तो पति ने कहा कि उसकी पत्नी बेबुनियाद आरोप लगा रही है। वो जिस लड़की के साथ रह रहा है वो रिश्ते में उसकी बहन लगती है। युवक ने आगे बताया कि उसकी पत्नी उसे मारती-पीटती है। इसलिए मर्जी से अलग रह रहा हूं। दोनों पक्षों के सुनने के बाद अदालत ने आखिरकार याचिका को रद कर दिया।
मेरी बेटी को बहला कर ले गया मेरा दामादः याचिकाकर्ता
दूसरी ओर एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका में महिला ने आरोप लगाते हुए कहा कि मेरी एक बेटी को उसका जीजा यानी मेरा दामाद बहला फुसलाकर ले गया है। पुलिस ने युवती को गुजरात से बरामद कर हाई कोर्ट के सामने पेश किया तो बेटी ने बताया कि वह अपनी मर्जी से उसके साथ रह रही है। लड़की बालिग थी, इसलिए कोर्ट ने उसे उसकी मर्जी से रहने का आदेश देते हुए याचिका को खारिज कर दिया।
महिला ने लगाया पुलिस पर अवैध कस्टडी का आरोप
एक अन्य बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई हुई, जिसमें महिला ने पुलिस के ऊपर अपने ही बेटे की अवैध कस्टडी बताते हुए आरोप लगाया था। स्टेटस रिपोर्ट पेश हुई तो सामने आया कि याचिकाकर्ता महिला का एक बेटा बैंक में काम करता था और वहां से गबन करके भाग गया है। उसे खोजने के लिए उसके दूसरे बेटे की मदद से जगह-जगह छापा मारा जा रहा था, जिसकी वजह से उसे साथ रखा गया था। दो दिन में जैसे ही छापे की प्रक्रिया पूरी हो गई युवक को उसके स्वजन को सौंप दिया गया।