दमोह शहर की सड़कों पर लगी स्ट्रीट लाइट अब कंट्रोल टाइमर से जुड़ गई हैं। लाइट को चालू और बंद करने के लिए अब कर्मचारी की जरूरत नहीं पड़ रही है। अब यह ऑटोमेटिक चालू और बंद होने लगी हैं।
हाल ही में नगर पालिका द्वारा शहर के 27 स्थानों पर स्ट्रीट लाइट कंट्रोल ऑन ऑफ स्विच (कंट्रोल टाइमर बॉक्स) लगाए गए हैं। इस टाइमर मशीन में स्ट्रीट लाइट चालू होने और बंद होने का समय निर्धारित कर दिया जाता है। जिससे शहर के सभी स्ट्रीट लाइटें कंट्रोल स्विच में लगे टाइम के अनुसार चालू ओर बंद हो रही हैं।
दमोह शहर में 39 वार्ड आते हैं, वर्तमान में शहर में स्ट्रीट लाइट के अलग-अलग स्थानों पर 27 मीटर लगे हुए हैं। अब तक इन्हें चालू और बंद करने में एक कर्मचारी को दो घंटे का समय लगता था। कर्मचारी को स्ट्रीट लाइट चालू करने की शुरूआत शाम पांच बजे से करनी पड़ती थी, तब जाकर शाम 7 बजे तक पूरे शहर की स्ट्रीट लाइट चालू हो पाती थी।
इसी तरह सुबह 5 बजे से इन्हें बंद करने की प्रक्रिया शुरू होती थी और 8 बजे स्ट्रीट लाइटें बंद हो पाती थीं। लेकिन, अब नई व्यवस्था से शहर की सभी स्ट्रीट लाइटें सुबह-शाम एक निर्धारित समय पर चालू और बंद होने लगी हैं। जिसकी शुरूआत इसी सप्ताह से हुई है। इस नई व्यवस्था के शुरू होने के बाद अब नगर पालिका को बिजली बिल की बचत होगी।
टाइमर के साथ लगी डिजिटल घड़ी
नगर पालिका सीएमओ सुषमा धाकड़ ने बताया कि मशीन में एक टाइमर के साथ डिजिटल घड़ी लगी हुई है। जैसे ही निर्धारित समय पर टाइमर पहुंचता है तो बिजली के कनेक्शन जुड़ जाते है और स्ट्रीट लाइट चालू हो जाती है। इस तरह टाइमर के अनुसार सुबह 5 बजाते ही कनेक्शन कट जाता है। जिससे स्ट्रीट लाइट बंद हो जाती हैं।
हर महीने होगी दो लाख की बचत
नगर पालिका बिजली विभाग के उपयंत्री शोभित अग्रवाल ने बताया कि वर्तमान में पूरे शहर में लगी स्ट्रीट लाइट से हर महीने करीब 10 लाख का बिजली बिल आता है। टाइमर लगने से पूरे शहर की बिजली एक हो समय पर बंद होगी और चालू होने लगी हैं। जिससे हर महीने करीब डेढ़ से दो लाख रुपए के बचत होगी। जिसका उसका उपयोग स्ट्रीट लाइटों के मेंटेनेंस और खरीदी में किया जा सकेगा।
शिकायतों में आएगी कमी
शहर में वर्तमान में छोटी और बड़ी मिलाकर कुल 9000 स्ट्रीट लाइटें लगीं हैं। उनके समय पर चालू और बंद न होने की वजह से नगर पालिका को अनेक शिकायतें मिलती रहती हैं। कई बार तो दिन के उजाले में भी दिन भर स्ट्रीट लाइटें जलती रहती थी, लेकिन इन बॉक्स के लगने बाद यह शिकायतें भी बंद हो गई हैं। क्योंकि, लाइटे तय समय पर चालू और बंद होने लगी हैं। शहरवासी भी इस नई सुविधा से खुश हैं, क्योंकि कई बार कर्मचारी लाइट समय पर चालू नहीं कर पाता था जिससे अंधेरा रहता था। लेकिन, अब ऐसा नहीं हो रहा है।