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मध्यप्रदेश

लापता किशोर 20 दिन बाद किन्नरों के पास से हुआ बरामद, किया चौंकाने वाला खुलासा

छतरपुर। ईशानगर कस्बे से लापता एक किशोर को पुलिस ने हरपालपुर में किन्नरों के पास से बरामद किया है। किशोर करीब पिछले 20 दिनों से लापता था। किशोर जब अपने परिजनों से मिला तो उसने पूरे मामले की चौंकाने वाली कहानी बताई, जिसके बाद परिजनों ने ईशानगर थाना में मामला दर्ज कराया है। पुलिस ने फिलहाल तीन लोगों पर मामला दर्ज किया है और मामले की जांच करने की बात कही है।

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार ईशानगर कस्बे के रहने वाले लापता किशोर के परिजनों ने बताया कि गत छह जून की दोपहर करीब तीन बजे उसका 17 वर्षीय पुत्र घर से लापता हो गया था। बेटे की लापता होने की शिकायत ईशानगर थाने में किए जाने के बाद प्रार्थी लगातार अपने बेटे की तलाश कर रहा था। 20 दिन तक लापता रहने के बाद 26 जून को लापता किशोर ने अपने चाचा को फोन पर सूचना दी कि वह इस समय हरपालपुर में है। सूचना मिलते ही प्रार्थी अपने भाईयों को लेकर हरपालपुर पहुंचा, जहां उसे अपना पुत्र किन्नरों के पास मिला।

परिजन किशोर को सकुशल अपने घर ईशानगर लेकर आए, जहां उसने परिजनों को घटना की पूरी कहानी बताई। किशोर ने बताया कि छह जून को गांव का रमेश रैकवार उसे अपने साथ घुमाने और खाना खिलाने की बात कहकर छतरपुर ले गया था। ईशानगर बस स्टैंड से रामपुर निवासी धनीराम कुशवाहा भी उसके साथ गाड़ी पर बैठ गया और इसके बाद तीनों छतरपुर पहुंचे। छतरपुर पहुंचकर तीनों लोग रमेश के पुत्र मगन से मिले और इसके बाद तीनों ने कहा, हरपालपुर में कुछ काम है, वहां चलते हैं। यहां से चारों लोग हरपालपुर पहुंचे।

पीड़ित किशोर के मुताबिक, हरपालपुर में उक्त तीनों लोग उसे लाली किन्नर के पास ले गए और इसके बाद किशोर को लाली के हवाले करके वापस लौट गए। पिछले 20 दिनों से वह यहीं पर था और अपने परिजनों से बात नहीं कर पा रहा था। बीते रोज किशोर को कहीं से मोबाइल मिल गया, जिसके बाद उसने अपना चाचा को फोन पर सूचना दी।

पीड़ित किशोर ने बताया कि हरपालपुर में जिस स्थान पर उसे रखा गया था, वहां पर उसके अलावा चार-पांच अन्य लड़के भी थे, जिन्हें लगातार इंजेक्शन लगाए जा रहे थे और कुछ दवाएं खिलाई जा रहीं थीं, जिनसे शरीर में अनावश्यक बदलाव आने लगे थे। पीड़ित किशोर की बात सुनने के बाद परिजनों ने 27 जून को हरपालपुर थाना में मामले की शिकायत दर्ज कराई, जिस पर पुलिस ने किशोर को हरपालपुर छोड़ने वाले तीनों लोगों के विरुद्ध धारा 363 के तहत मामला पंजीबद्ध कर विवेचना शुरू की है।

सूत्रों की मानें तो यह मामला मानव तस्करी से जुड़ा हो सकता है। दरअसल, ऐसी जानकारी मिली है कि हरपालपुर में रेलवे स्टेशन होने चलते यहां किन्नरों का एक दल रहता है, जो ट्रेन में सवार यात्रियों से वसूली करते हैं। ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि यही दल नाबालिग लड़कों को दवा और इंजेक्शन देकर किन्नर बनाने का काम कर रहा है और बाद में इन बच्चों को देश के अलग-अलग स्थानों पर भेजकर इनसे वसूली का काम कराया जाता है।

सूत्रों के मुताबिक, इस पूरे मामले में कई और किरदार भी हैं, जिनके नाम अभी सामने आना बाकी हैं। वहीं, किशोर के चाचा का कहना है कि अभी मामले में पुलिस ने संबंधित किन्नर का नाम शामिल नहीं किया है।

पुलिस अधीक्षक अगम जैन छतरपुर का कहना है कि परिजनों की शिकायत पर तीन आरोपियों के विरुद्ध धारा-363 का मामला पंजीबद्ध कर मामले की जांच की जा रही है। अभी तक अलग-अलग तरह के तथ्य सामने आए हैं, जिनकी पुष्टि होना बाकी है। पुष्टि होने के बाद अन्य आरोपियों के नाम प्रकरण में शामिल कर कार्रवाई की जाएगी।