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स्वास्थ्य

चाव से खाएं पान के पत्ते : पाचन तंत्र बनेगा स्ट्रांग, बॉडी में जमा टॉक्सिन का होगा सफाया

हिन्दू धर्म में पान के पत्ते का बहुत महत्व है। पान के पत्ते को ब्रह्मा, विष्णु व शिव का प्रतिनिधि करने वाला माना जाता है। पान के पत्ते का इस्तेमाल सिर्फ पूजा के दौरान ही नहीं किया जाता बल्कि ये पेट के लिए भी अनमोल है। दैवीय शक्तियों के प्रति श्रद्धा व्यक्त करने के लिए इस्तेमाल होने वाला पान का पत्ता बॉडी में जमा टॉक्सिन को बाहर भी निकालता है।
अक्सर लोग सुपारी के साथ पान का सेवन करते हैं। पान-सुपारी का बेहतरीन कॉम्बिनेशन आपकी सेहत के लिए वरदान है। पान और सुपारी एक न्यूरोलॉजिकल उत्तेजक हैं। इसका सेवन करने से नसें हल्की हो जाएंगी।

आयुर्वेद में पान के पत्ते को दवा के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है। हरे रंग के पान के पत्ते में कई औषधीय गुण पाए जाते हैं। यूरिक एसिड के मरीज के लिए भी पान का पत्ता फायदेमंद साबित होता है। पान के पत्तों से यूरिक एसिड की समस्या को काफी कंट्रोल किया जा सकता है।

यूरिक एसिड में पान का पत्ता कैसे इस्तेमाल करें? –यूरिक एसिड के मरीज पान के पत्ते को उबालकर पी सकते हैं। इसके लिए करीब 2 कप पानी लें और उसमें 2-4 पान की ताजा पत्ते डाल दें। अब इसे उबालें और जब पानी आधा रह जाए तो छानकर पी लें।

आप चाहें तो पान के पत्तों को पीसकर इसका रस निकाल लें और इसे आधा कप गुनगुने पानी में मिलाकर पी लें। इससे आपको काफी फायदा होगा। पान के पत्ते को धोकर ऐसे ही पान की तरह चबाकर भी खा सकते हैं। इससे पत्ते के अंदर का रस शरीर में जाएगा और आपको यूरिक एसिड में फायदा होगा।

पान के पत्ते खाने के फायदे?

किडनी को बेहतर करे- पान के पत्तों में ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो आपकी किडनी को बेहतर बनाते हैं। इससे किडनी फंक्शन में सुधार आता है और शरीर से यूरिक एसिड बाहर निकल जाता है। ये प्राकृतिक मूत्रवर्धक का काम करते हैं जिससे यूरिन के जरिए शरीर में जमा यूरिक एसिड भी बाहर हो जाता है।

गठिया में फायदेमंद- पान के पत्तों से सूजन को कम करने में मदद मिलती है। पान में पॉलीफेनोल्स और कई बायोएक्टिव कम्पाउंड होते हैं जो एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होते हैं। इससे सूजन की समस्या कम होती है। शरीर में सूजन बढ़ने से यूरिक एसिड बढ़ने का खतरा भी बढ़ जाता है। पान से गठिया को भी कम किया जा सकता है।

विटामिन ए और सी से भरपूर-पान के पत्ते में विटामिन ए और विटामिन सी पाया जाता है। इसके अलावा पान के पत्ते में एंटीऑक्सीडेंट्स भी पाए जाते हैं जो त्वचा को फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाने में मदद करते हैं। पान के पत्तों का सेवन शरीर की कोशिकाओं को होने वाले नुकसान से बचाते हैं और यूरिक एसिड को कम करते हैं।

पाचन तंत्र होता है बेहतर – पाचन में सुधार लाने और मेटाबॉलिज्म को तेज बनाने के लिए खासतौर से पान के पत्तों का इस्तेमाल किया जाता है। इससे पाचन तंत्र बेहतर होता है और खाना सही तरह से शरीर को लगता है। ये सारे गुण यूरिक एसिड को काबू करने में भी मदद करते हैं।