कोलकाता। कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में एक प्रशिक्षु महिला चिकित्सक से दुष्कर्म व हत्या के मामले में न्याय की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे बंगाल के सरकारी अस्पतालों के जूनियर डाक्टरों की हड़ताल रविवार को भी जारी रही, जिससे राज्य में लगातार नौवें दिन स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हुईं।
सरकारी अस्पतालों में रविवार को बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) बंद रहने के कारण मरीजों की भीड़ कम रही, लेकिन वरिष्ठ चिकित्सकों ने आपातकालीन विभाग में सेवाएं जारी रखीं। एक प्रदर्शनकारी चिकित्सक ने कहा कि हम स्वास्थ्य सेवाओं को प्रभावित करने के पक्ष में नहीं हैं। हम मरीजों की परेशानियों को समझ सकते हैं, लेकिन ड्यूटी पर मौजूद चिकित्सक के साथ दुष्कर्म और हत्या की घटना के संदर्भ में हमारा विरोध बहुत प्रासंगिक है। चिकित्सक ने कहा, क्या हम काम पर आते समय यही अपेक्षा करते हैं। जब तक हमारी बहन को न्याय नहीं मिल जाता और सरकार हमारी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं कर देती, हम अपना विरोध जारी रखेंगे। प्रशिक्षु महिला चिकित्सक का शव नौ अगस्त को अस्पताल के सेमिनार कक्षा के अंदर पाया गया था।
इस मामले में अगले दिन एक आरोपित को गिरफ्तार किया गया था। जूनियर डाक्टर मांग कर रहे हैं कि दोषियों को जल्द से जल्द सजा दी जाए और पीड़िता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने 13 अगस्त को मामले की जांच कोलकाता पुलिस से लेकर सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया था। इस बीच, घटना के खिलाफ देशभर में हो रहे आंदोलन के बीच बंगाल सरकार ने एक दिन पहले कार्यस्थलों, विशेष रूप से सरकारी अस्पतालों में महिला डाक्टरों व कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के मुख्य सलाहकार अलापन बंदोपाध्याय ने शनिवार को एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अस्पतालों और मेडिकल कालेजों में रात्रि पाली में महिलाओं की सुरक्षा के लिए रात्रि साथी योजना शुरू की जाएगी, जिसके तहत महिला सुरक्षाकर्मी की भी तैनाती की जाएगी।