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एक्टर नहीं, क्रिकेटर बनना चाहता था फिल्म इंडस्ट्री का ये विलेन

आज हम आपको ऐसे एक्टर के बारे में बताने जा रहे हैं जो कभी एक्टर नहीं बनना चाहते थे, लेकिन किस्मत को कुछ और मंजूर था, वो फिल्मों में आए, हिट हुए लेकिन बहुत जल्दी गुमनाम भी हो गए। जी हां हम बात कर रहे हैं  मुकेश ऋषि की। चलिए आपको मुकेश ऋषि से जुड़ी कुछ अनसुनी बातें बताते हैं।

मुकेश ऋषि भारतीय सिनेमा के 90 और 20 के दशक की शुरुआत के सबसे डरावने खलनायकों में से एक रहे हैं जो असल जिंदगी में शांत रहना पसंद करते हैं। अभिनेता मुकेश ऋषि अब तक के सबसे दमदार विलेन में से एक रहे हैं। वह कई सुपरहिट फिल्मों का भी हिस्सा रहे हैं।

जम्मू में जन्मे मुकेश के पिता एक बिजनेसमैन थे और वो चाहते थे कि उनका बेटा भी उनके नक्शेकदम पर चलें। दूसरी ओर, ऋषि क्रिकेटर बनना चाहते थे। खास बात ये है कि वह कॉलेज के दिनों में पंजाब विश्वविद्यालय में क्रिकेट टीम के कप्तान भी थे, लेकिन फिर उनका पूरा परिवार मुंबई आ गया।

बॉलीवुड से साउथ तक मचा चुका तहलका- ऋषि के परिवार ने भी उनकी पढ़ाई के बाद उन्हें बिजनेस करने में लगा दिया, लेकिन कुछ समय बाद उन्होंने अपने पिता से इस बारे में बात की कि उन्हें इस काम में कोई दिलचस्पी नहीं है। मुकेश ने अपने पिता से कहा कि वह वर्ल्ड टूर करना चाहते हैं और तभी उनके पिता ने उन्हें फिजी भेज दिया। मॉडलिंग में हाथ आजमाने से पहले मुकेश ने वहां डिपार्टमेंटल स्टोर मैनेजर के तौर पर भी काम कर चुके हैं। तभी लोगों ने उन्हें शोबिज में जाने का सुझाव दिया और अपने पिता के निधन के बाद मुकेश मुंबई चले गए। अभिनेता की किस्मत तब चमकी जब ऋषि के एक दोस्त ने उन्हें यश चोपड़ा से मिलवाया। आज मुकेश ऋषि फिल्म इंडस्ट्री का वो नाम है, जिसे सुन उनके किरदार लोगों को याद आ जाते हैं।

पहली फिल्म से हुए हिट- मुकेश ऋषि को यश चोपड़ा की 1993 की ‘परंपरा’ में एक छोटी सी भूमिका में देखा गया और इस फिल्म से वह स्टार विलेन बन गए। तब से अभिनेता ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्होंने ‘सरफरोश’, ‘सूर्यवंशम’, ‘लोफर’, ‘इंडियन’, ‘गुंडा’, ‘कोई मिल गया’ और ‘डैम’ सहित कई फिल्मों में अभिनय किया। बॉलीवुड के अलावा मुकेश ऋषि ने तमिल, तेलुगु और पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री में भी काम किया।