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छत्तीसगढ़

न्याय की गुहार का अनोखा मामला : शाष्टांग कलेक्टोरेट पहुंचे, 13 साल से मुआवजे का इंतजार

बिलाईगढ़। जिला मुख्यालय सारंगढ़ में कलेक्टर जनदर्शन के दौरान एक अनोखा मामला सामने आया, जहां एक दंपत्ति ने शाष्टांग जमीन पर लोटते हुए कलेक्टर कार्यालय तक पहुंचकर न्याय की गुहार लगाई। दंपत्ति का आरोप है कि पिछले 13 वर्षों से उनकी जमीन अपर सोनिया जलाशय योजना के डूबान क्षेत्र में है, लेकिन उन्हें अब तक मुआवजा नहीं मिला है।

दंपत्ति का कहना है कि उन्होंने मुख्यमंत्री सहित सभी संबंधित अधिकारियों को बार-बार आवेदन दिए, लेकिन उनकी समस्याओं का कोई समाधान नहीं हुआ। इस अनोखे विरोध प्रदर्शन में दंपत्ति ने अपने शरीर पर आवेदनों को चस्पा किया और मुख्य सड़क से लेकर कलेक्टर कार्यालय तक शाष्टांग करते हुए पहुंचे।

पीड़ित व्यक्ति ने बताया कि उनकी जमीन जलाशय योजना के तहत डूबान क्षेत्र में आ गई थी, लेकिन मुआवजे के लिए सरकारी प्रक्रिया में फंसे हुए हैं। 13 सालों से लगातार सरकारी कार्यालयों और मुख्यमंत्रियों के दरवाजे खटखटाने के बावजूद उन्हें न्याय नहीं मिला। दंपत्ति ने चेतावनी दी है कि अगर 15 दिनों के भीतर उन्हें मुआवजा नहीं मिलता, तो वे मुख्यमंत्री निवास के सामने परिवार सहित आत्मदाह करने पर मजबूर हो जाएंगे।

अपर कलेक्टर वर्षा बंसल ने पीड़ित परिवार को आश्वासन दिया है कि मामले की पूरी जान लेकर मुआवजा दिलाने का प्रयास किया जाएगा। अब देखना यह होगा कि इस बार दंपत्ति को न्याय मिल पाता है या वे फिर से सरकारी तंत्र का शिकार बनकर रह जाएंगे।