भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार ने छतरपुर की डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे का इस्तीफा मंजूर कर लिया है। बीते काफी वक्त से उनके इस्तीफे की खबर सुर्खियों में थीं। राज्य सरकार उनके खिलाफ विभागीय जांच लंबित होने की बात कह रही थी। निशा ने 27 जून को अपने पद से त्याग-पत्र दे दिया था। उन्होंने त्याग पत्र स्वीकार न होने की स्थिति में भोपाल स्थित मुख्यमंत्री आवास के सामने आमरण अनशन करने की बात भी कही थी।
दरअसल राज्य हाई कोर्ट के ओर से जारी निर्देशों को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार की ओर से एक अंडरटेकिंग दिया गया था। जिसमें जानकारी दी गई थी कि डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे के खिलाफ लंबित विभागीय जांच और उनके इस्तीफे पर सोमवार तक फैसला लिया जाएगा। जिसके बाद मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ और न्यायमूर्ति विशाल मिश्रा की पीठ ने मामले को रिकार्ड पर रखते दशहरे के बाद 27 अक्टूबर को अगली सुनवाई की तारीख दी थी।
सत्य की हुई जीत
मामले में कांग्रेस नेता विवेक तन्खा ने प्रदेश सरकार पर तंज कसते हुए इसे नारी शक्ति की जीत बताया है। तन्खा ने ट्वीट में लिखा शिवराज जी और उनके मुख्य सचिव ने कोई कसर नहीं छोड़ी थी की निशा का त्याग पत्र स्वीकार ना हो। विजयदशमी के दिन आदेश हस्ताक्षरित हुआ। सत्य की जीत हुई।
ट्वीट करते हुए विवेक तन्खा ने लिखा कि अब निशा को अपनी आगे का रास्ता के बारे में सोचना पड़ेगा। कांग्रेस ने बैतूल के अमला से एक दिन पूर्व ही अपना उम्मीदवार घोषित किया है। दरअसल कांग्रेस ने आमला से मनोज मालवे को अपना प्रत्याशी घोषित किया है। पार्टी ने आमला सीट पर प्रत्याशी की घोषणा निशा बांगरे के लिए रोकी हुई थी, लेकिन बांगरे के इस्तीफे पर प्रदेश सरकार की ओर से तब कोई फैसला नहीं लिया गया था। जिसके चलते कांग्रेस ने सोमवार को ही उक्त सीट पर अपना प्रत्याशी घोषित किया है।