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दोनों हाथ कटे फिर भी बना रहा पेंटिंग, देखकर सीएम नीतीश कुमार भी रह गए थे हैरान

चंद्रमंडी( जमुई)। दिव्यांगता को लोग अभिशाप मानते हैं। इसके बावजूद एक ऐसा युवक है, जिसके दोनों हाथ कट गए हैं। आज वह कटे हाथों से ही पेंटिंग बनाकर अपना जीवन आगे बढ़ा रहा है। दीवाल लेखन व पेंटिंग कर वह परिवार की आवश्यकताओं को पूरा कर रहा है। शादी-विवाह में उसकी पेंटिंग बिकती हैं।

प्रखंड के नवाडीह सिलफरी पंचायत के चरघड़ा निवासी नरेश रजक के तीस वर्षीय पुत्र गोरख रजक ने बताया कि उसकी बनाई गई पेंटिंग ही उसके जीने का सहारा है। इंजीनियर बनने का सपना संजोने वाला गोरख बचपन में कोलकाता में पढ़ाई करता था। 2002 में खेलने के दौरान 11 हजार वोल्ट के तार के स्पर्श से उसके दोनों हाथ कट गए। उसने बताया कि वह अंग्रेजी और बांग्ला सीखने के लिए कोलकाता में रहता था।

ऐसी है संघर्ष की कहानी

भाग-दौड़ की इस जिंदगी में कमाई के लिए उसे काफी जद्दोजेहद करनी होती है। पिता खेती पर आश्रित हैं। चार भाई-बहनों में सबसे बड़ा गोरख परिवार का बड़ा सहारा बन गया है। दोनों हाथ नहीं रहने के बावजूद वह पेंटिंग की बदौलत तीन से चार सौ रुपये प्रतिदिन कमाई करता है। पेंटिंग करके प्रति माह 20 से 25 हजार रुपए कमा लेता है। इसी से उसका घर परिवार चलता है।

पेंटिंग का वीडियो खूब होता है वायरल

पेंटिंग करते उसके वीडियो को इंटरनेट मीडिया पर चार-चार मिलियन तक देखा जाता है। इससे उसकी कुछ कमाई भी हो जाती है। अपनी पेंटिंग की वीडियो अक्सर इंटरनेट मीडिया पर डालता है। 2015 में जिला स्थापना दिवस के अवसर पर जमुई में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उसकी पेंटिंग और कलाकारी देखकर उसे सम्मानित भी किया था।

गोरख ने बताया कि इसके अलावा उसे चंडीगढ़ भुवनेश्वर कोलकाता में भी सम्मानित किया जा चुका है। गोरख की मां तारा देवी ने बताया कि उसे अपने बेटे पर गर्व है। दोनों हाथ नहीं रहने के बावजूद उसका बेटा कमाई घर परिवार चलाता है। गोरखपुर लाखों लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत है जो हादसे में अपना हाथ पैर गवाने के बाद दूसरों पर निर्भर हो जाते है।

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