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बिहार

नीतीश नगर और मोतिहारी में बांध ध्वस्त, कई गांवों में घुसा बाढ़ का पानी

पटना। बिहार के 16 जिले के 55 प्रखंडों के 269 ग्राम पंचायतों नौ लाख 90 हजार लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। इतना ही नहीं तेज बहाव में दंपती, बच्ची समेत आठ लोग बह गए। उनकी तलाश जारी है। तटबंधों की निगरानी के लिए 106 इंजीनियरों की टीम तैनात की गई है। मोतिहारी के सरेया पंचायत के लोकनाथपुर में गंडक नदी पर बना रिंग बांध ध्वस्त हो चुका है। इस कारण सात से अधिक गांव में बाढ़ का पानी घुस चुका है। वहीं सैकड़ों एकड़ में लगी फसलें डूब गईं। लोगों का कहना है कि मनरेगा योजना से बना यह पुल पानी का दबाव झेल नहीं पाया।

इधर, जिला प्रशासन की टीम राहत बचाव के कार्य में जुट गई है। पश्चिम चंपारण जिले के बेतिया से लेकर चखनी गांव तक फैला चंपारण तटबंध से जुड़ा पीड़ी रिंग बांध बैरिया के नीतीश नगर के पास ध्वस्त हो गया है। इस कारण जिले के रनहा, पखनहा, मलाही, घोड़ईया, सुर्यपुर सपंचायतों के साथ लगभग 30 गांवों बाढ़ का पानी घुस गया है। ग्रामीणों का कहना है कि बांध की मरम्मत और मजबूत करने के कार्यों में लापरवाही बरती गई थी। इस कारण ऐसा हुआ है। पहले भी बांध की कमजोर स्थिति को लेकर चेतावनी दी गई थी, लेकिन समय पर कदम नहीं उठाए गए। इधर, बांध ध्वस्त होने के बाद प्रशासन ने तत्काल राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया है। ग्रामीणों को अपने घरों को छोडक़र सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए कहा जा रहा है। दरभंगा, किरतपुर प्रखंड क्षेत्र के भूभौल गांव में कोसी नदी के तटबंध टूटने के बाद अब तबाही आने लगी है। बताया जाता है कि बांध टूटने के बाद से भूभौल गांव में पति पत्नी सहित तीन लोग लापता हो गए है। मंगलवार रात को तटबंध टूटने बाद परिजनों ने पहले समझा कही जान बचाकर तीनो लोग रह रहे होंगे, लेकिन काफी खोजबीन करने के बाद भी तीनो का कोई पता नही मिल सका है।