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बिना चीरा लगाए निकाल दी आठ वर्षों से फंसी गोली, बिहार के इस अस्पताल के डॉक्टरों का कमाल

पटना। आइजीआइएमएस में गैस्ट्रो सर्जरी विभाग के डाक्टरों ने बिना चीरा लगाए दूरबीन विधि से आठ वर्षों से सीतामढ़ी के एक युवक के पेट में फंसी गोली सफलतापूर्वक निकाल दी। यह सर्जरी इसलिए जटिल थी, क्योंकि आठ वर्ष पहले पीएमसीएच में पेट खोलकर गोली निकालने का प्रयास किया गया था। उस समय तीन माह के उपचार से उसकी जान तो बच गई थी, लेकिन गोली फंसी रह गई थी। इससे पेट का वह हिस्सा कमजोर हो गया था।

गैस्ट्रो सर्जरी के विभागाध्यक्ष सह चिकित्साधीक्षक डा. मनीष मंडल ने बताया कि एसोसिएट प्रोफेसर डा. साकेत कुमार ने टीम के साथ ढाई घंटे इस जटिल सर्जरी को पूरा किया। पूर्ण स्वस्थ होने के दो दिन बाद शुक्रवार को मरीज को घर भेज दिया गया। सर्जरी टीम में डा. साकेत कुमार का सहयोग डा. अमित मोहंती, डा. सुगीत व निश्चेतना विभाग की डा. स्वाति ने किया। डा. साकेत कुमार ने बताया कि सीतामढ़ी निवासी 35 वर्षीय मोहम्मद महमूदुर रहमान गत छह माह से पेट व दाहिने पैर में दर्द व कमजोरी से परेशान थे। प्रारंभिक जांच में पता चला कि आठ वर्ष पूर्व लूटपाट के दौरान बदमाशों ने उन्हें राइफल से जो गोली मारी थी, वह मलाशय की दाहिने ओर फंसी हुई है, वही गोली मलाशय के पास बहुत गहराई में होने के कारण पेल्विक नसों को दबा रही थी। पूर्व की सर्जरी को देखते हुए बिना चीरा लगाए चार छोटे छेद कर आपरेशन किया गया।

डा. मनीष मंडल ने बताया आइजीआइएमएस में हर तरह की सर्जरी लैप्रोस्कोपिक विधि से बहुत सस्ते शुल्क में की जा रही है। निदेशक डा. बिन्दे कुमार ने सफल सर्जरी के लिए पूरी टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा कि ऐसी एडवांस व जटिल सर्जरी के लिए हर प्रकार के संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे।