बिहार/गया। मृत बिहार पुलिस अभिषेक कुमार के भाई विवेक कुमार ने पुलिसकर्मियों पर गंभीर आरोप लगाया है। उनका आरोप है कि पुलिस कर्मियों ने उसके भाई की पीट-पीटकर हत्या की है, वह आत्महत्या नहीं कर सकता। जो व्यक्ति आत्महत्या करेगा उसका हाथ भला कैसे टूट सकता है, शरीर पर भी कई जगह जख्म के निशान हैं।
गया के चेरकी थाना क्षेत्र के जमड़ी गांव निवासी बिहार पुलिस (सार्जेंट) अभिषेक कुमार 28 वर्ष का शव गांव पहुंचते ही परिजन फूट-फूटकर रोने लगे। परिजनों का कहना है कि अभिषेक की हत्या हुई है। इधर, घटना के विरोध में ग्रामीण सड़क पर उतर आए। गुस्साए लोगों ने शव के साथ गया-चेरकी मुख्य सड़क मार्ग के वायरलेस गांव के समीप सड़क जाम कर दिया। साथ ही आगजनी कर प्रदर्शन करने लगे।
बता दें कि अभिषेक कुमार भागलपुर के पुलिस लाइन में सार्जेंट के पद पर तैनात था। बुधवार को उसका शव गया पहुंचा। इसके बाद परिजन व स्थानीय लोग आक्रोशित हो गए। लोग पूरे मामले की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की मांग करने लगे।
मृत अभिषेक के छोटे भाई विवेक कुमार का कहना है कि मंगलवार को फोन पर उन्हें यह जानकारी भागलपुर के पुलिसकर्मियों के द्वारा दी गई कि अभिषेक की तबीयत बहुत ज्यादा खराब है। इसके बाद परिजन वहां पहुंचे। वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने बताया कि अभिषेक ने आत्महत्या कर ली है। परिजनों ने कहा कि अभिषेक कभी ऐसा कदम नहीं उठा सकता है। वह फोन पर भी लगातार जानकारी दे रहा था कि पुलिस लाइन के डीएसपी और मुंशी फर्जी कागजात पर जबरन हस्ताक्षर करने का दबाव बना रहे हैं।
विवेक का कहना है कि दो दिन पहले अभिषेक ने बताया कि मेरे फर्जी हस्ताक्षर बनाकर कई कागजातों पर हस्ताक्षर किए गए हैं। उसने डीएसपी और मुंशी को यह हिदायत दी कि वह पूरे मामले की जानकारी भागलपुर के एसएसपी को देगा। संभवतः इसी से नाराज उक्त पुलिसकर्मियों ने पीट-पीट कर उसकी हत्या कर दी है। विवेक का कहना है कि जो व्यक्ति आत्महत्या करेगा उसका हाथ भला कैसे टूट सकता है, जब परिजन वहां पहुंचे तब उसका हाथ टूटा हुआ था। शरीर पर भी कई जगह जख्म के निशान थे। उन्होंने मामले की जांच कर दोषी पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई की मांग की है।