गोपालगंज। बिहार के गोपालगंज में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। शहर के एक अवैध निजी अस्पताल में दो तांत्रिकों और दवा दुकानदार ने मिलकर किशोरी के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। किशोरी को सात घंटे तक कमरे में बंद रखा गया। जबकि उसकी मां कमरे के बाहर बैठकर बेटी का इंतजार करती रही। पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और अस्पताल का रजिस्ट्रेशन भी नहीं था।
यह घटना शहर के अस्पताल चौक के पास स्थित एक बिना रजिस्ट्रेशन वाले निजी अस्पताल में घटी। पीड़िता को झाड़-फूंक के बहाने बुलाया गया था। जानकारी के अनुसार, पीड़िता सिवान जिले के एक गांव की रहने वाली है और लंबे समय से सिर दर्द से परेशान थी। इलाज की उम्मीद में उसकी मां उसे लेकर गोपालगंज के इस निजी अस्पताल में दवा विक्रेता विनोद कुमार के पास पहुंची थीं। विनोद ने किशोरी और उसकी मां को अपनी बातों में फंसाकर दो तांत्रिकों को बुला लिया। तीनों ने मिलकर किशोरी को झाड़-फूंक के बहाने कमरे में बंद कर दिया और उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। घटना के बाद किशोरी ने आपबीती अपनी मां को बताई, जिसके बाद पुलिस को घटना की जानकारी दी गई।
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस ने तुरंत छापेमारी कर दवा विक्रेता विनोद कुमार, पश्चिम चंपारण जिले के नौतन थाना क्षेत्र के मंगलपुर गांव निवासी दिवाकर पाण्डेय और पश्चिम चंपारण जिले के नगर थाना क्षेत्र के आईटीआई कॉलोनी निवासी अनिल कुमार पाण्डेय को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने आरोपियों के पास से झाड़-फूंक में इस्तेमाल होने वाले कई सामान, जैसे कलश, काला धागा, पितल की लोटिया, सुपाड़ी, लोहे का कलश, लाल कपड़ा और लौंग बरामद किए हैं।
बिना रजिस्ट्रेशन के ही चल रहा था अस्पताल
पुलिस जांच में यह बात भी सामने आई है कि यह निजी अस्पताल बिना रजिस्ट्रेशन के ही चल रहा था। हैरानी की बात यह है कि छह महीने पहले भी इसी अस्पताल में एक महिला की ऑपरेशन के दौरान मौत हो गई थी। हालांकि, उस समय भी मामला दर्ज किया गया था, लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने इस अवैध अस्पताल को बंद कराने की कोई कार्रवाई नहीं की।