बिलासपुर। सेक्टर-डी में सड़क विवाद के बीच नगर निगम ने 19.38 एकड़ जमीन पर बनाई गई कॉलोनी को अवैध घोषित कर दिया है। मामले में कॉलोनाइजर शैलेंद्र जायसवाल सहित 9 के खिलाफ नगर निगम के सब इंजीनियर ने एफआईआर दर्ज कराई है। पुलिस ने जायसवाल के साथ-साथ बद्री प्रसाद जायसवाल, राजेन्द्र प्रसाद जायसवाल, वीरेंद्र कुमार जायसवाल, सुरेंद्र कुमार जायसवाल, सुभाष कुमार जायसवाल, शैल जायसवाल, अर्चना जायसवाल, आभा जायसवाल (भूमि स्वामी) के नाम पर अपराध दर्ज किया है।
नगर निगम कमिश्नर कुणाल दुदावत के निर्देश पर सब इंजीनियर जुगल किशोर सिंह ने सिरगिट्टी थाने में एफआईआर दर्ज कराई है। इसके मुताबिक कॉलोनाइजर व भूमि स्वामी जायसवाल परिवार ने अवैध तरीके से 33 प्लॉट बेचे थे। तिफरा स्थित उनकी 19.38 एकड़ जमीन पर बनाई गई कॉलोनी को निगम ने अवैध माना है। आयुक्त का पत्र के आधार पर पुलिस ने धारा 292 (ग) छग नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 के तहत कार्रवाई की है। इनमें आरोपियों पर आरोप हैं कि इन्होंने बिना कॉलोनी विकास अनुमति के मुख्तयारनामे के हैसियत से विभिन्न लोगों को छोटे टुकडों में जमीन काटकर बेची है।
इसमें छग कॉलोनाइजर का रजिस्ट्रीकरण निर्बन्धन व शर्तों 2013 व छग नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 292 (ग) सहित अन्य नियमों का उल्ल्घंन किया गया है। इस मामले में उमेंद दास बंजारे, कुमार कांत जायसवाल, शीला जायसवाल, बरत राम पटेल, सुनीता पटेल, शशांक तिवारी, संतोष कुमार तिवारी, अनिल कुमार त्रिवेदी, रीता सहारे, ज्योति सहारे, गुलाब राव सहारे, चंद्र कला तरारे, प्रमिला तरारे, पीयूष पूर्णिमा अग्रवाल, आलोक कुमार अग्रवाल, वर्ष कुमार साहू और मूलचंद साहू ने ये प्लॉट खरीदे थे।