बिलासपुर। बुधवार को डॉ. संजीव शुक्ला पुलिस महानिरीक्षक बिलासपुर द्वारा बिलासपुर रेंज अंतर्गत जिलों के पुलिस अधीक्षकों की अपराध समीक्षा बैठक ली गई। इसमें जिले में लंबित अपराध, महिलाओं और बच्चों से संबधित अपराध, संपत्ति संबंधी अपराध, मर्ग एवं लघु अधिनियम व प्रतिबंधात्मक कार्यवाही अंतर्गत की गई कार्यवाही तथा कानून-व्यवस्था और सड़क दुर्घटनाओं सहित जिले के कई महत्वपूर्ण विषयों की समीक्षा की गई तथा सभी विषयों पर महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिये गये।
पुलिस महानिरीक्षक द्वारा इस बात पर विशेष बल दिया गया कि गंभीर किस्म के प्रकरणों में सतत विवेचना करते हुए यथाशीघ्र विधिसम्मत निराकरण किया जावे, प्रकरण लंबी अवधि तक विवेचना में लंबित न रहे। थानों में तैयार चालान अनावश्यक लंबित न रहे इसके लिए पुलिस अधीक्षकों को लंबित चालान की समीक्षा विधिसम्मत कार्यवाही के निर्देश दिये गये।
महिलाओं और बच्चों से संबंधित मामलों में तत्काल संज्ञान लेकर त्वरित विधिसम्मत कार्यवाही किये जाने निर्देश दिये गये। मादक पदार्थां और सूखे नशे के विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही के साथ-साथ उनकी बरामदगी के स्तर पर भी सुधार हेतु निर्देशित किया गया। आयुध अधिनियम के अंतर्गत अस्त्र-शस्त्रों की नियमित चेकिंग कर अवैध अस्त्र-शस्त्रों पर प्रभावी अंकुश लगाये जाने और चाकूबाजों की सूची बनाकर कार्यवाही किये जाने, संपत्ति संबंधी अपराध में रिकव्हरी रेट बढ़ाये जाने हेतु निर्देशित किया गया।
पुलिस बल में अनुशासन बनाये रखने हेतु पुलिस अधीक्षकों को स्वतः पहल कर इस दिशा में सार्थक कार्यवाही करने निर्देशित किया गया। जिले में सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लंबित पेंशन प्रकरणों का निराकरण, स्वत्वों के भुगतान हेतु विशेष पहल करने निर्देश दिये गये तथा अभियान चलाकर जिले में लंबित विभागीय जांच और शिकायतों का त्वरित निराकरण कराये जाने निर्देशित किया गया तथा विगत वर्ष के लंबित सभी प्रकरणों की समीक्षा की जाकर प्रकरण का समयबद्ध निराकरण सुनिश्चित करने निर्देशित किया गया। माननीय सर्वोच्च न्यायालय एवं उच्च न्यायालय में लंबित जवाबदावा प्रकरणों में समय पर कार्यवाही करने निर्देश दिये गये।
पुलिस महानिरीक्षक द्वारा जिले में लंबित सभी गंभीर प्रकरणों के निराकरण की ओर विशेष ध्यान दिये जाने तथा लंबित ऐसे सभी प्रकरणों की नियमित समीक्षा कर समयबद्ध निराकरण किये जाने निर्देशित किया गया। अपराधों पर अंकुश लगाने हेतु प्रभावी गश्त-पेट्रोलिंग, आदतन पूर्व सिद्धदोष, निगरानी व गुण्डा-बदमाशों तथा संदिग्ध व्यक्तियों की गतिविधियों पर सतत निगाह रखते हुए आवश्यक कार्यवाही कराये जाने निर्देशित किया गया।
जेल से छूटने वाले अपराधियों की जानकारी उनकी गतिविधियों पर विशेष निगाह रखे जाने निर्देशित ताकि अपराधी को किसी प्रकार के अपराध की पुनरावृत्ति से रोका जा सके। सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने दुर्घटनाजन्य क्षेत्र में हुई दुर्घटनाओं का विस्तृत विश्लेषण कराया जाकर प्राप्त कारणों के आधार पर दुर्घटनाजन्य क्षेत्र में संबंधित विभागों से समन्वय कर कार्यवाही कराये जाने निर्देशित किया गया।
धार्मिक-सामाजिक समरसता स्थापित किये जाने तथा सामाजिक शांति एवं व्यवस्था में बाधा उत्पन्न करने वाले विषयों को ध्यान में रखकर आसूचना तंत्र को प्रभावी किये जाने निर्देशित किया गया। स्ट्रीट चेकिंग नियमित करते हुए अड्डेबाजों के विरूद्ध कार्यवाही करने तथा गैंगवार पर अंकुश लगाने निर्देशित किया गया। आगामी नगरीय निकाय व त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को दृष्टिगत रखते हुए संवेदनशील ग्रामों को चिन्हांकित किये जाने निर्देशित किया गया। पुलिस की क्षेत्र में प्रभावी उपस्थिति दर्शाने के लिये विज़िबल पुलिसिंग हो, इस दिशा में आवश्यक कार्यवाही करते हुए राजपत्रित अधिकारियों एवं थाना/चौकी प्रभारियों को नियमित रूप से प्रतिदिन शाम को क्षेत्र में पैदल गश्त कर अपनी प्रभावी उपस्थिति सुनिश्चित करने निर्देशित किया गया।
पुलिस महानिरीक्षक ने इस बात पर विशेष बल दिया कि पर्यवेक्षणकर्ता अधिकारी अपने पर्यवेक्षणीय थाना के कार्यों की प्रतिदिन नियमित मॉनिटरिंग करें तथा अधीनस्थों को उचित दिशा-निर्देश व मार्गदर्शन करें, इसे सुनिश्चित कराये जाने पुलिस अधीक्षकों को निर्देशित किया गया। जिलों में आधारभूत पुलिसिंग को मजबूत करने पर विशेष ज़ोर दिया गया।
समीक्षा बैठक में पुलिस अधीक्षक बिलासपुर रजनेश सिंह, पुलिस अधीक्षक जांजगीर-चाम्पा विवेक शुक्ला, पुलिस अधीक्षक मुंगेली भोजराम पटेल, पुलिस अधीक्षक रायगढ़ दिव्यांग पटेल, पुलिस अधीक्षक गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही श्रीमती भावना गुप्ता, पुलिस अधीक्षक कोरबा सिद्धार्थ तिवारी, पुलिस अधीक्षक सक्ती सुश्री अंकिता शर्मा, पुलिस अधीक्षक सारंगढ़-बिलाईगढ़ पुष्कर शर्मा सहित रेंज कार्यालय में पदस्थ अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्रीमती मधुलिका सिंह और उप पुलिस अधीक्षक श्री विकास पाटले उपस्थित रहे।