बिलासपुर। प्रदेश में स्कूलों के पास तंबाकू उत्पादों की बिक्री का हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया है। राज्य सरकार की तरफ से मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर इस मुद्दे पर जवाब मांगा है। मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और जस्टिस अमितेंद्र किशोर प्रसाद की युगलपीठ ने इस मामले में सुनवाई करते हुए अपनी नाराजगी व्यक्त की है और इसे गंभीर चिंता का विषय बताया है। मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा की बेंच ने चिंता जताते हुए कहा कि बच्चे ड्रग एडिक्ट हो जाएंगे तो क्या होगा..? उन्होंने कहा कि कोटपा कानून है तो उसका पालन होना चाहिए कि नहीं?
दरअसल 15 नवंबर 2024 को शुक्रवार को छुट्टी के दिन भी उच्च न्यायालय की बैठक हुई। मुख्य न्यायाधीश ने रजिस्ट्रार जनरल को मीडिया रिपोर्टों के आधार पर मामले को जनहित याचिका (पीआईएल) के रूप में पंजीकृत करने का निर्देश दिया था। मीडिया में आई रिपोर्टों से पता चला है कि बिलासपुर में सरकारी और निजी स्कूलों के पास सड़क के स्टॉल पर तंबाकू उत्पाद खुलेआम बेचे जा रहे हैं।
इन रिपोर्टों ने बताया कि कैसे इस तरह की गतिविधियाँ स्कूलों के आसपास के वातावरण को खराब कर रही हैं और छात्रों पर इसका नकारात्मक प्रभाव हो है। उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार के अधिकारियों से जवाब मांगा है, जिसका उद्देश्य स्कूलों के पास तंबाकू उत्पादों की बिक्री और छात्रों तथा सार्वजनिक व्यवस्था पर इसके प्रभाव का समाधान करना है।
महाधिवक्ता ने सोमवार की सुनवाई में शासन का पक्ष रखते हुए शपथ पत्र में जानकारी दी कि 15 नवंबर 2024 के आदेश का परिपालन करते हुए बिलासपुर जिला प्रशासन द्वारा कोटपा अधिनियम का उल्लंघन करने वाले दुकानदारों पर पेनल्टी और अन्य कार्रवाई की गई है और गंभीरता से कोटपा कानून का पालन कराया जा रहा है। चीफ जस्टिस की डबल बेंच ने इस पूरे मामले में मुख्य सचिव और बिलासपुर म्युनिसिपल कॉरपोरेशन की तरफ से शपथ पत्र के साथ जवाब तलब किया है। मामले में अगली सुनवाई आगामी पांच दिसंबर को तय की गई है।