न्यूयॉर्क। अमेरिका के अर्थशास्त्रियों के एक सर्वेक्षण में पता चला है कि कई उद्यमों में नौकरियों में कटौती की जा सकती है और महामारी के बाद पहली बार विस्तार पर खर्च को कम किया जा सकता है। यह बात इस ओर इशारा करती है कि ब्याज दरें बढ़ाने पर फ़ेडरल रिजर्व के जोर देने का असर अर्थव्यवस्था पर पडऩा शुरू हो चुका है और इसकी रफ्तार घट रही है।
सर्वे में कहा गया कि कारोबारियों को यह चिंता है कि केंद्रीय बैंक के फैसले का अर्थव्यवस्था पर और भी भारी असर पड़ सकता है और इससे अमेरिका में इस साल मंदी दस्तक दे सकती है। नेशनल एसोसिएशन फॉर बिजनेस इकोनॉमिक्स (एनएबीई)Ó का यह सर्वे जनवरी में किया गया। इसमें शामिल प्रतिभागियों ने अपनी कंपनियों में भर्तियों की योजना को औसतन शून्य से नीचे सात अंक प्रदान किए जबकि अक्टूबर में यह आंकड़ा आठ था।
एनएबीई ने कहा कि मुद्रास्फीति को देखते हुए कारोबार अपने कर्मचारियों को उच्च वेतन देना जारी रखेंगे। एनएबीई की अध्यक्ष जूलिया कोरोनाडो ने एक बयान में कहा, जनवरी 2023 के एनएबीई कारोबारी परिस्थिति सर्वेक्षण में इस बात को लेकर व्यापक चिंता देखने को मिली है कि इस साल मंदी शुरू हो सकती है। मुद्रास्फीति से निपटने के लिए केंद्रीय बैंक ब्याज दरों में आक्रामक तरीके से वृद्धि कर रहा है। उसका प्रयास अमेरिकी अर्थव्यवस्था की रफ्तार को कम करना लेकिन इसके साथ ही इसे मंदी में जाने से बचाना भी है। फ़ेडरल रिजर्व इस सप्ताह ब्याज दरें फिर से बढ़ा सकता है।