कोरबा। यूपी के प्रयागराज में महाकुंभ 2025 का आगाज हो चुका है। करोड़ों की संख्या में पहुंचे लोगों ने आस्था की डुबकी लगा ली है। ऐसे में मेला घूमने के लिए एक शख्स अपने परिवार के साथ पहुंचा, जहां उसे अचानक हार्टअटैक आ गया। जिसके बाद शख्स ने खुद को कोरबा जिला का एडीएम विक्रम सिंह जायसवाल बताकर अस्पताल में वीआईपी ट्रीटमेंट ले लिया। अब मामले में खुलासा हुआ कि इस नाम का कोई भी कोरबा जिला में एडीएम नहीं हैं।
दरअसल, कोरबा का रहने वाला एक शख्स, जो पेशे से वकील है, वह अपने परिवार के साथ प्रयागराज घूमने पहुंचा था। इस दौरान उस शख्स को हार्ट अटैक आ गया। अस्पताल में उसने खुद को कोरबा जिले का एडीएम विक्रम सिंह जायसवाल बताकर वीआईपी ट्रीटमेंट ले लिया। जब इसकी खबर अखबार में प्रकाशित हुई तो बड़ा खुलासा हुआ। जिला प्रशासन ने दावा किया कि विक्रम जायसवाल नाम का कोई एडीएम जिले में नहीं है।
कलेक्टर अजीत वसंत का दावा है कि विक्रम कुमार जायसवाल नाम का कोई भी एडीएम नहीं है, वहीं अधिवक्ता संघ ने भी पंजीकृत सदस्य होने से भी इंकार कर दिया, जिसके बाद प्रशासन मामले की जांच में जुटा हुआ है।
बता दें कि महाकुम्भ में पहले दिन 7 श्रद्धालुओं को हार्ट अटैक आया। इन्हें मेले में बने अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां डॉक्टरों का कहना है कि सभी मरीजों की हालात खतरे से बाहर हैं। मेले के आपात कालीन आईसीयू में सोमवार को 10 मरीज भर्ती हुए। उसमें से 7 को हार्ट अटैक आया था।
एक पानी डूबने के कारण बाकी दो अन्य कारण से आए हैं। केंद्रीय चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक मनोज कौशिक ने बताया जब से मेले में अस्पताल शुरु हुआ है तब से यहां 42 हार्ट अटैक पेशेंट आए। दो को रेफर किया गया, बाकी सभी लोग मेला क्षेत्र में बने अस्पताल में ही सही हुए और उन्हें बाद में यहां से डिस्चार्ज कर दिया गया है।