कोरबा। आज गणेश चतुर्थी है, जिसे गणपति जी के जन्मोत्सव के रूप में जाना जाता है। गणेश चतुर्थी के साथ ही 10 दिनों तक देशभर में गणपति उत्सव की धूम रहेगी। गणपति पंडाल भव्यता से सजाए जा रहे, जिसमें विघ्नहर्ता की भव्य प्रतिमा स्थापित होगी। कोरबा जिले के कटघोरा जय देवा गणेश उत्सव समिति ने पंडाल को वृंदावन के प्रसिद्ध प्रेम मंदिर का स्वरूप दिया है, जो क्षेत्र में आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।
कटघोरा के इस पंडाल को पिछले एक महीने से कोलकाता से आए 20 कारीगरों ने 3000 बांस और थर्माकोल से बनाया है। इस पंडाल में भगवान गणेश की 21 फीट ऊंची प्रतिमा विराजमान होगा, जो पुणे के दगडूसेठ हलवाई के रूप में हैं। इसके अलावा रूद्र रूप में हनुमान जी और राधा रानी कृष्णा की प्रतिमा विराजमान होंगे।
गणेश उत्सव समिति के सदस्य संजय अग्रवाल ने बताया कि, थनौद के मूर्तिकार ने गणेश की प्रतिमा बनाई है। थनौद गांव के मिट्टी के गणेश की पांच राज्यों में मांग रहती है। भिलाई से 25 किमी दूर स्थित शिल्पग्राम थनौद की आबादी करीब तीन हजार है। पूरे गांव का मुख्य पेशा मिट्टी के गणेश बनाना है। यह काम पिछले पांच पीढ़ियों से जारी है। यहां मिट्टी के गणेश की डिमांड इस बार बढ़ी है। यहां के कलाकारों का कहना है कि कटघोरा का राजा पुणे के स्वरूप दगडूसेठ हलवाई का अंतिम रूप दिया गया है। यह मूर्ति छत्तीसगढ़ में सबसे बड़ी बनाई गई है।