कोरबा। 14 वर्षीय नाबालिग को बहला फुसला कर अपने साथ भगाने और उसके साथ दुष्कर्म के मामले में न्यायालय ने आरोपित को 20 वर्ष का सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।
विशेष लोक अभियोजक सुनील कुमार मिश्रा ने बताया कि यह घटना 30 नवंबर 2020 को सिविल लाइन थाना रामपुर क्षेत्र में घटित हुई थी। नाबालिग पुत्री के गायब होने की शिकायत मां ने पुलिस के समक्ष दर्ज कराई थी। इसके बाद पुलिस सक्रिय हुई और आरोपित की पतासाजी शुरू की। पुलिस ने घेराबंदी कर आरोपित आलोक टोप्पो (23) निवासी कुसुमताल (कुटेरा), थाना-कांसाबेल जिला-जशपुर हाल मुकाम-रिसदी को झगरहा के जंगल से गिरफ्तार किया था और नाबालिग को उसके पास बरामद किया। जांच के दौरान पूछताछ में आरोपित ने अपने बयान में अपराध स्वीकार किया था। उसके बाद पुलिस ने मामला न्यायालय में प्रस्तुत किया।
शासन की ओर से पैरवी कर रहे विशेष लोक अभियोजक मिश्रा ने आगे बताया कि मामले की सुनवाई अपर सेशन न्यायाधीश एफटीएससी (पाक्सो) डा ममता भोजवानी के न्यायालय में हुई। सुनवाई उपरांत न्यायाधीश ने दोष सिद्ध होने पर आरोपित को धारा 376(3) के तहत 20 वर्ष का सश्रम कारावास व तीन हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया। इसके अलावा धारा 363 के तहत 3 वर्ष का सश्रम कारावास व एक हजार रुपये तथा धारा 366 के तहत 5 वर्ष का सश्रम कारावास व दो हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई। अर्थदंड जमा नहीं किये जाने पर ( तीन मास, 1 मास व 2 मास) अतिरिक्त कारावास भुगतने का आदेश दिया। न्यायालय ने कहा कारावास की सभी सजाएं साथ चलेगी। न्यायालय के आदेश उपरांत आरोपित को जेल भेज दिया गया।