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छत्तीसगढ़

शिकारियों के बिछाए जाल में फंस गया मादा भालू व शावक, एक की गई जान, शावक को ग्रामीणों ने बचाया

गौरेला-पेंड्रा-मरवाही। मरवाही वन मंडल के गगनई नेचर कैंप के पास शिकारियों के बिछाए जाल में फंस कर एक  मादा भालू की मौत हो गई, जबकि उसके आठ माह के नर शावक को युवकों ने सुरक्षित बचा लिया, जिसे मरवाही वनमंडलाधिकारी ने  ग्रामीणों के साथ  सुरक्षित वास्तविक रहवास में छोड़ दिया। मरवाही के नेचर कैंप जो भालुओं का रहवास का क्षेत्र है जबकि अब विभाग जाल फंसाने वाले लोगों की पतासाजी कर कार्यवाही करने की बात कह रही है।

चारों ओर पहाड़ियों से घिरा यह गगनई नेचर कैंप का इलाका है। यहां पर शिकारी ने जंगली जानवरों को फंसाने के लिए मोटरसाइकिल के क्लच वायर का उपयोग कर सैकड़ों फंदे बना रखे थे, जिसमें बीते रात से भालू के फ़सने के बाद उसकी आवाज़ आ रही थी,जब ग्रामीणों को आवाज सुनाई दी तो इसकी सूचना वन विभाग को दी गई, लेकिन वन विभाग ने इसकी थोड़ी भी सुध नहीं ली। नतीजा सुबह होते-होते मादा वयस्क भालू की मौत हो गई, जबकि उसका शावक इस फंदे में फंसा रहा जिसे ग्रामीण युवकों ने बड़ी बहादुरी से भालू के शावक को जाल से बाहर निकालकर उसे बचा लिया।  मरवाही वन मंडल अधिकारी को जब इसकी सूचना मिली तो मौके में आकर इसकी पड़ताल की और पूरे मामले पर जवाबदारी कर्मचारियों पर जांच के बाद कार्यवाही करने की बात की है, वही शिकारी के बिछाए जाल पर जांच के बाद कार्यवाही करने की बात की है।
उल्लेखनीय है कि मरवाही वन मंडल का नेचर कैंप का इलाका भालू का रहवास का इलाका कहलाता है यहां आए दिन वीवीआईपी मूवमेंट होते रहते हैं, जिसके कारण क्षेत्र हमेशा सुर्खियों में भी बना रहता है ऐसे में इस व्यस्ततम इलाके में शिकारियों ने कैसे अपना इतना लंबा जाल बिछा लिया वन विभाग के लिए जांच का विषय है। पूरे मामले और उसके बिछाए फंदे का पड़ताल किया तो पाया कि लगभग 50 मीटर लंबे केबल वायर में मोटरसाइकिल के क्लच वायर का सैकड़ों फंदा बनाया गया जिसमें कोई भी जंगली जानवर बड़ी आसानी से फंसाया जा सकता है। इतनी बड़ी संख्या में क्लच वायर का उपयोग कर जाल बिछाया जाना वन विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करता है।

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