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छत्तीसगढ़

डीजे की तेज आवाज पर प्रशासन लापरवाह : युवक की नस फटने से मौत, इसके बाद भी…

बलरामपुर। छत्तीसगढ़ में अजीब तरह का मामला सामने आया है। डीजे कितना खतरनाक होता है, यह बलरामपुर जिले में साबित हो गया है। दरअसल, डीजे की तेज आवाज में लगातार कई घंटे तक रहना युवक को महंगा पड़ गया। डीजे के तेज साउंड से युवक को चक्कर आने लगे और उल्टियां शुरू हो गई। इसके बाद परिजन मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचे तब इलाज शुरू हुआ। इस दौरान जांच रिपोर्ट देखकर डॉक्टर भी हैरान हो गए।

जांच कर रहे डॉ. शैलेंद्र गुप्ता ने संजय जायसवाल (40) का सीटी स्कैन कराया तो पता चला उसके दिमाग में खून का रिसाव हो गया है। इसके बाद पूरी हिस्ट्री खंगाली गई। परिजन ने बताया कि सोमवार को घर के सामने तेज आवाज में डीजे बज रहा था और युवक वहीं पर काफी समय तक था। इसके बाद से उसे उल्टी शुरू हो गई। युवक की हालत गंभीर होने से डॉक्टरों ने प्राथमिक इलाज के बाद उसे हायर सेंटर रेफर कर दिया।

नाक-कान और गला रोग विशेषज्ञ डॉ. शैलेंद्र गुप्ता ने बताया कि सामान्य तौर पर 70 डेसीबल की आवाज मानव के लिए उपयुक्त होती है। 85 डेसीबल की आवाज लगातार सुनने से मानव की सुनाई देने की क्षमता स्थायी रूप से कमजोर हो सकती है। मेडिकल कॉलेज में दो माह में 500 मरीजों की सुनाई जांच की गई तो पता चला कि इसमें 161 लोग को कम सुनाई की समस्या थी।

विशेषज्ञों को ये आशंका

विशेषज्ञ ने बताया कि युवक की उम्र 40 वर्ष के आसपास थी। युवक को पहले से बीपी भी नहीं था। सामान्य तौर पर मस्तिका में चोट आने से ब्रेन हैमरेज का खतरा होता है। इसके अलावा उच्च रक्तचाप से इसका खतरा बना रहता है। संभावना है डीजे की तेज आवाज में लगातार बैठे रहने से युवक को रक्तचाप अचानक बढ़ा होगा और उसे मस्तिक में नस फटने से रक्तस्राव हो गया होगा।