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छत्तीसगढ़

इस वजह से परेशान ग्रामीणों ने घेरा कलेक्टोरेट, सरपंच ने कहा- जांच के लिए अधिकारी आते हैं, मिक्चर-बिस्किट खाते हैं और लौट जाते हैं…

बालोद। मंगलवार को सैकड़ों ग्रामीणों ने कलेक्टोरेट का घेराव कर दिया। घंटों धूप में बैठे रहने के बाद भी कलेक्टर ग्रामीणों से नहीं मिले। इससे वे काफी आक्रोशित नजर आए। सरपंच ने अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि जांच के लिए अधिकारी आते हैं, मिक्चर-बिस्किट खाते हैं और फिर बिना कार्यवाही किए लौट जाते हैं।

दरअसल, यह पूरा मामला जिले के डौंडीलोहारा के ग्राम अरजपुरी का है। यहां एक व्यक्ति के द्वारा पोल्ट्रीफार्म का संचालन किया जा रहा है। इसके दुर्गंध व गंदगी से ग्रामीण लंबे समय से काफी परेशान हैं। ग्रामीणों की मांग है कि पोल्ट्रीफार्म को बंद कराया जाए। अपनी मांग को लेकर ग्रामीण आज कलेक्टोरेट पहुंच गए। काफी समय बाद भी कलेक्टर ग्रामीणों से मिलने नहीं आए। इससे ग्रामीण और आक्रोशित हो गए। उनके इंतजार में वे सभी कार्यालय के बाहर सड़क पर पर बैठ गए। इससे आवागमन बाधित हो गया। सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस टीम भी आ गई।
इसके बाद अधिकारी लगातार ग्रामीणों को मनाने के लिए जुटे रहे। इसमें एसडीओपी, थाना प्रभारी, एसडीएम, तहसीलदार शामिल हैं। एसडीएम ने कहा कि आप सब अपने कागज हमें दे दीजिए, हम कलेक्टर साहब तक आपकी बात पहुंचा देंगें, लेकिन ग्रामीण कलेक्टर से मिलने को अड़े रहे। ग्रामीणों का कहना था कि हम सैकड़ों की संख्या में आए हैं तो कलेक्टर से मिलकर अपनी बात को रखेंगे। डेढ़ वर्षों से अधिकारियों के चक्कर काट-काटकर हम परेशान हो गए हैं। कोई सुनवाई नहीं हो रही है।

0 कहा- गांव बदबू, गंदगी और मक्खियों की चपेट में
ग्रामीणों का कहना है कि एक व्यक्ति ने गांव में पोल्ट्रीफार्म खोला है, जिससे वे खासे परेशान हैं। पूरा गांव बदबू, गंदगी और मक्खियों की चपेट में है। गांव में रहना, खाना-पीना दुभर हो गया है। बंद कराने की मांग कर रहे हैं लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। सरपंच कुहकी मंडावी ने कहा कि पहले भी इस मामले में शिकायत की जा चुकी है। इसके बाद भी कोई हल नहीं निकल रहा है। सरपंच ने अधिकारियों पर आरोप लगाया कि वे जांच के लिए आते हैं, मिक्चर-बिस्कट खाते हैं और फिर चले जाते हैं।

0 नोटिस का जवाब मिलने के बाद कार्रवाई : एसडीएम
एसडीएम मनोज मार्क ने ग्रामीणों को बताया कि यह एक न्यायालयीन प्रक्रिया है, संचालकों को नोटिस जारी किया गया है। नोटिस का जवाब मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। अन्य अधिकारी-कर्मचारी भी ग्रामीणों को समझाते रहे लेकिन ग्रामीण कुछ सुनने को तैयार नहीं, वे घंटों धूप में बैठे रहे।