कोरबा विधानसभा चुनाव के विपरीत स्थिति बन रही, जहां जनता ने कोरबा विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी को हटाने का मन बनाया था, वही लोकसभा चुनाव में लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी को हटाने अभी तक कोई रुझान जनता से नहीं मिल रहे
कोरबा। जल्द ही लोकसभा के चुनाव होने हैं, जिसे लेकर सभी पार्टियों ने तैयारी शुरू कर दी है। कोरबा लोकसभा सीट के लिए कांग्रेस और भाजपा के प्रत्याशी भी घोषित हो चुके हैं, जहां कोरबा लोकसभा सीट से दुर्ग की दीदी सरोज पांडे भारतीय जनता पार्टी की ओर से प्रत्याशी बनाई गई है, वही कांग्रेस पार्टी की ओर से कोरबा लोकसभा क्षेत्र की स्थानीय बेटी श्रीमती ज्योत्सना महंत जोकि वर्तमान में कोरबा लोकसभा की सांसद हैं, उन पर कांग्रेस पार्टी ने भरोसा जताते हुए पुनः प्रत्याशी बनाया है।
भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशी सरोज पांडे जहां अपने क्षेत्र का दौरा करते हुए प्रचार प्रसार तेज कर दिए हैं, वहीं कांग्रेस पार्टी की ओर से अभी रणनीति बनाई जा रही है, भारतीय जनता पार्टी जहां महतारी वंदन योजना और मोदी की गारंटी के नाम पर चुनाव में नैया पार लगाने का दम भर रहे हैं, वही कांग्रेस पार्टी कोरबा लोकसभा की स्थानीय बेटी के नाम पर चुनाव मैदान में है।
बीजेपी के लिए माइनस पॉइंट यह है कि पहले से ही स्थानीय लोगों को टिकट न मिलने के कारण पार्टी के ही कई वरिष्ठ नेता असंतुष्ट है, जो अपने कार्यकर्ताओं के माध्यम से अंदरुनी मीडिया मैनेजमेंट सहित अनेक मैनेजमेंट में गड़बड़ी कर भारतीय जनता पार्टी को कोरबा लोकसभा से कमजोर कर सकते हैं। समय पर ध्यान ना दिया गया तो इसका लाभ कांग्रेस प्रत्याशी को सीधा मिलने के आसार हैं, वही कोरबा लोकसभा की स्थानीय बेटी होने के कारण भी कांग्रेस प्रत्याशी को बेहद लाभ मिलने के आसार बने हुए हैं ।
बीजेपी के कुछ लोग यह भी भ्रमित कर रहे हैं कि इसी टीम के द्वारा विधानसभा चुनाव में लखन लाल देवांगन को जीत दिलाई गई थी, जबकि हकीकत यह है कि कमल छाप व लखन लाल देवांगन का अपना सादगी पूर्ण व्यवहार इसके साथ-साथ लोगों में परिवर्तन की चाह ने उन्हें जीत दिलाई है, विधानसभा के चुनाव में कोरबा विधानसभा सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी को हटाने का लोगों ने मन बना लिया था, जबकि लोकसभा में स्थिति कांग्रेस को हटाने की अभी तक लोगों में नहीं बनी है, जबकि राष्ट्रहित में लोगों में मोदी पहली पसंद बने हुए हैं, वहीं कोरबा लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी ज्योत्सना महंत की बात की जाए तो इनके पति राजनीति के बहुत बड़े खिलाड़ी माने जाते हैं जो केंद्र से लेकर राज्य और स्थानीय राजनीति में अच्छी पकड़ रखते हैं। यही कारण है कि कई बार सांसद का चुनाव जीतकर केंद्र में मंत्री बने फिर छत्तीसगढ़ विधानसभा के स्पीकर भी रहे है और वर्तमान में नेता प्रतिपक्ष भी हैं, वही उनके व्यक्तिगत संबंध भी जनता में मजबूत हैं। राजनीतिक दांवपेंच के खिलाड़ी भी माने जाते हैं, जिसका सत प्रतिशत लाभ उनकी पत्नी को मिल सकता है, वहीं उनकी पत्नी ज्योत्सना महंत जो वर्तमान में कोरबा लोकसभा की सांसद है, लोगों में उनकी छवि सीधे-साधे और अच्छे वक्ता के रूप में की जाती है, लोग इनसे आसानी से मिलकर अपनी बातों को रख सकते हैं। इसी कारण जनता के बीच इनकी अच्छी पैठ बनी हुई है, अब देखना होगा स्थानीय और बाहरी प्रत्याशी के ताने-बाने को बुनते हुए जनता कोरबा लोकसभा सीट से किसे अपना सांसद चुनती है, हालांकि जल्द ही आचार संहिता लगने के बाद चुनावी माहौल और गर्म होने वाला है, वही होली का त्यौहार भी सामने है। अब देखना होगा दोनों पार्टियों के राजनीतिक रंग पर जनता पर क्या असर होता है।