कोरबा. हसदेव नदी के तट पर मौजूद मां सर्वमंगला का मंदिर काफी पुराना है। मां सर्वमंगला को जिले की पहली आराध्य देवी माना जाता है। साल के दोनों नवरात्र में मां सर्वामंगला की विशेष पूजा आराधना होती है। इस साल भी चैत्र नवरात्र की शुरुआत होने के साथ ही मां आदिशक्ति की उपासना को लेकर भक्तों में काफी उत्साह देखने को मिल रहा। सुबह से ही भक्तों की भीड़ मंदिर में जुटनी शुरु हो गई है। भक्त लंबी कतार लगाकर मां सर्वमंगला की पूजा पाठ करने में व्यस्त है। कोरबा में मां सर्वमंगला की पूजापाठ के साथ ही देवी की मंदिर का इतिहास काफी पुराना है। माता का यह मंदिर करीब 130 साल पुराना है जिसे लेकर कोरबा वासियों की आस्था काफी गहरी है।
यही वजह है कि हर साल जब नवरात्रि आती है, तब कुछ मनोकामना ज्योति कलश प्रज्वलित करने के लिए विदेशों से भी अर्जियां आती हैं. इस साल सर्वमंगला में 10000 से अधिक मनोकामना ज्योति कलश प्रज्वलित किए गए हैं. इस साल 3 मनोकामना ज्योति कलश के लिए रसीद अमेरिका से काटे गए हैं.
इन ज्योति कलश को 9 दिन 24 घंटे प्रज्वलित किया जाता है. इसके लिए बाकायदा मंदिर प्रबंधन द्वारा कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाती है. जो दीपक को बुझने नहीं देते. लगातार दीये में तेल भरते रहते हैं. जिससे की ज्योति कलश 9 दिन तक जलते रहते हैं.