रायपुर। आईईडी ब्लास्ट में घायल हुए युवक से मिलकर गृहमंत्री विजय शर्मा ने उनका हाल-चाल जाना। उपमुख्यमंत्री और गृहमंत्री विजय शर्मा रविवार को उससे मिलने अस्पताल पहुंचे। गृहमंत्री विजय शर्मा ने घायल युवक और उनके परिजन से मुलाकात की।
उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने गहरा दुख जताते हुए कहा कि घटना 11 मार्च की है जब आईईडी की चपेट में आने से युवक घायल हुआ था। इंफेक्शन पूरे पैर में फैल गया है। युवक का दाहिना पैर काटना पड़ेगा। यह कोई सुरक्षाकर्मी नहीं है, लेकिन आईईडी किसी को नहीं पहचानता है। पता नहीं कितने सिविलियन और जानवर इससे घायल होते होंगे। घायल होने के बाद नक्सलियों ने युवक को वहीं रोके रखा जिससे कि यह बात प्रचारित न हो। लेकिन जब गांव वालों ने उन पर दबाव बनाया और कहा कि युवक मर जाएगा तब जाकर उसे अस्पताल ले जाया गया। जब युवक वहां पर नहीं संभला तो कल उसे रायपुर रेफर किया गया। फिलहाल उसका इलाज जारी है।
उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने आगे कहा कि, ऐसा लगने लगा है कि, बस्तर के गांवों में विकास के मार्ग की सबसे बड़ी बाधा आईईडी है। इसकी चपेट में आने से ग्रामीणों और जानवरों की जिंदगी खतरे में आ जाती है। मैं घायल युवक से मिला। युवक की स्थिति काफी गंभीर है।
मसला यह है कि, इन नक्सलियों से कौन बचा है? क्या सुरक्षाकर्मी, क्या ग्रामीण, क्या जानवर और प्रकृति सभी को नुकसान की जद में हैं। अगर बस्तर के अंदरुनी इलाकों में सड़क, अस्पताल, स्कूल पहुंचते हैं तो न जाने किसी को क्या दिक्कत है इससे। आईईडी बस्तर के लिए अभिशाप साबित हो रहे हैं।
उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि आज भी नारायणपुर में नक्सलियों ने कुछ ट्रकों को आग के हवाले किया है। आत्म समर्पण की प्रक्रिया तेजी से बढ़ी है। आत्मसमर्पण की प्रक्रिया विश्वसनीय हो, सरल हो, नई जीवन की शुरूआत को प्रेरित करने वाला हो, ऐसा हम और प्रयास कर रहे हैं।