कोरबा। बागों थाना क्षेत्र अंतर्गत मोरगा चौकी के ग्राम गिधमुडी में बाल विवाह की सूचना मंगलवार की शाम डायल 112 को मिली थी। सूचना मिलते ही टीम मौके पर पहुंची। पता चला कि 15 वर्षीय नाबालिक लड़की का विवाह गांव के ही एक 19 वर्षीय युवक के साथ रीतिरिवाज से संपन्न कराया जा रहा था। डायल 112 की टीम ने चाइल्ड लाइन और महिला बाल विकास विभाग को मामले की सूचना दी। टीम ने ग्राम के सरपंच, जनपद और वरिष्ठ गणमान्यजनों के सहयोग से विवाह में शामिल दोनों पक्षों के परिजनों को समझाइश दी। कहा कि लड़का और लड़की की उम्र कानूनन शादी के लायक नहीं है। विवाह के लिए लड़की की उम्र 18 वर्ष वही लड़के की उम्र 21 वर्ष निर्धारित है।
इससे पूर्व शादी अपराध की श्रेणी में आता है। दोनों के बालिक होने के पश्चात विवाह कराया जाए। पुलिस की समझाईश के बाद परिजनों ने विवाह को रोक दिया और मंडप को भी हटा दिया। निश्चित रूप से बाल विवाह समाज की जड़ों तक फैली बुराई, लैंगिक असमानता और भेदभाव का ज्वलंत उदाहरण है। यह आर्थिक और सामाजिक ताकतों की परस्पर क्रिया- प्रतिक्रिया का परिणाम है, जिन समुदायों में बाल विवाह की प्रथा प्रचलित है। वहां छोटी उम्र में लड़की की शादी करना उन समुदायों की सामाजिक प्रथा और दृष्टिकोण का हिस्सा है और यह लड़कियों के मानवीय अधिकारों की निम्न दशा दर्शाता है। ऐसी स्थिति से सभी को बचना चाहिए और दूसरों को बचाना भी चाहिए।