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कोरबा छत्तीसगढ़

राजस्व मंत्री के हाथों से मिला पात्र हितग्राहियों को जमीन का मालिकाना हक

 कोरबा.   राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने कोरबा नगर पालिक निगम के वार्ड क्रमांक 14 में आयोजित कार्यक्रम में आवासहीन 759 पात्र हितग्राहियों को पट्टाधृति अधिकार अधिनियम 2023 के अंतर्गत पट्टा वितरण किया।

पट्टा वितरण के दौरान पट्टा वितरण के दौरान कोरबा नगर निगम के महापौर राजकिशोर प्रसाद, सभापति, पार्षद व एल्डरमैन सहित राजस्व अधिकारी मौजूद रहे। वर्षों से काबिज जमीन का पट्टा मिलने पर लोगों में खुशी की लहर नजर आई। पट्टाधृति अधिकार अधिनियम 2023 के तहत कोरबा में 15 हजार पट्टे वितरित किए जाएंगे जिनमें साढ़े 11 हजार पात्र लोगों की सूची राजस्व विभाग के डिस्ट्रिक्ट वेबसाइट में प्रकाशित किया जा चुका है।

पट्टा वितरण के दौरान राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने अपने उद्बोधन में सभी वार्डवासियों को पट्टा देने की घोषणा करते कहा की जिनका नाम अभी किसी कारणवश छूट गया है वह चिंतित न हो उनको भी पट्टा दिया जाएगा। गौरतलब है की राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने कोरबा आगमन पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के समक्ष कोरबा समेत राज्य में झुग्गी झोपड़ी में रहने वालों को पट्टा वितरण किए जाने का मामला रखा था। मुख्यमंत्री ने इस पर सहमति जताते हुए राजस्व मंत्री को ही इस योजना को अमलीजामा पहनाने की जिम्मेदारी सौंपी थी।

इसके बाद से राजस्व मंत्री लगातार इस पर राजस्व विभाग के अधिकारियों की बैठक लेकर योजना को तैयार करने में जुटे हुए थे। विभिन्न विभागों से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेकर इस इस प्रक्रिया को राजस्व मंत्री ने अपनी निगरानी में पूर कराया। जिसके बाद पट्टा वितरण के लिए सरकार ने पात्र हितग्राहियों के लिए एक विशेष नियमावली तैयार करते पट्टाधृति अधिकार अधिनियम 2023 के तहत कानून बनाया और राजपत्र में नियमों का प्रकाशन किया गया।

पात्र हितग्राहियों के तहत वह नगरवासी शामिल है जो छत्तीसगढ़ के स्थानीय निवासी प्रमाण पत्र प्राप्त करने की पात्रता रखता हो, जो आवासहीन हो, जो संबंधित नगरीय निकाय की मतदाता सूची में दर्ज हो, उसके कुटुम्ब की वार्षिक आय दो लाख पचास हजार रूपये से अधिक न हो, जिसके कुटुम्ब में कोई व्यक्ति केंद्र सरकार, राज्य सरकार या इनके उपक्रम की शासकीय सेवा में चतुर्थ श्रेणी को छोड़ा न हो और न ही अधिवक्ता, इंजीनियर, डाक्टर, चार्टर्ड एकाउंटेड जैसा व्यवसायिक सेवा में हो, और न ही निर्वाचित जन प्रतिनिधि हो तथा उसे या उसके कुटुम्ब के किसी सदस्य को पूर्व में उसी नगरीय निकाय में कोई शासकीय भूमि आवंटित नहीं की गई हो ।