कोरबा। कुत्तों से डरकर एक चार साल का बारहसिंगा आधी रात लगभग 12 बजे एनटीपीसी हॉस्पिटल में घुस गया। सूचना पाकर पहुंची रेस्क्यू टीम को उसने खूब छकाया और फिर भाग निकला। टाउन शिप की सड़कों पर यहां वहां कूद फांद मचाने के बाद आखिर उसे जुबली पार्क में पकड़ लिया गया। कटघोरा वनमण्डल की टीम ने उसे प्राथमिक उपचार के बाद जंगल में छोड़ दिया है और वह सुरक्षित बताया जा रहा है।
जिले के एनटीपीसी चिकित्सालय परिसर में बीती रात उस समय हड़कंप मच गया जब एक बारहसिंघा (हिरण प्रजाति) जंगल से भटककर अस्पताल में प्रवेश कर गया। आवारा कुत्तों के पीछा करने से घबराया यह जंगली जानवर उछलता- कूदता हुआ अस्पताल के भीतर पहुंच गया, जिसे देखकर वहां मौजूद लोग भी हैरान रह गए।
कुत्तों के डर से अस्पताल में घुसा था
जानकारी के अनुसार, यह बारहसिंघा जंगल से भटककर पहले एनटीपीसी के आवासीय परिसर में पहुंचा, जहां आवारा कुत्तों ने उसे घेरकर दौड़ाना शुरू कर दिया। जान बचाने के लिए यह हिरण तेजी से भागा और अस्पताल परिसर में जा घुसा। अचानक अस्पताल में वन्यजीव को देखकर मरीजों और कर्मचारियों के बीच अफरा-तफरी मच गई।
लगातार बढ़ रही ऐसी घटनाएं
कोरबा जिले में जंगल से भटके वन्यजीवों के रिहायशी इलाकों में प्रवेश करने की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। कुछ दिन पहले कनकी गांव में भी एक हिरण घायल अवस्था में पहुंच गया था। विशेषज्ञों के अनुसार, वन क्षेत्र सिमटने और भोजन- पानी की तलाश के कारण जंगली जानवर आबादी वाले इलाकों में पहुंच रहे हैं।
रेस्क्यू कर सुरक्षित वन्य क्षेत्र में छोड़ा गया
छत्तीसगढ़ विज्ञान सभा की राज्य संयुक्त सचिव निधि सिंह और उनकी टीम के नेतृत्व में अक्षय कुमार एंथोनी, सागर साहू, रघु सिंह, विक्रम सिंह और निधि सिंह ने वन विभाग के अधिकारियों की उपस्थिति में रेस्क्यू ऑपरेशन को सफलतापूर्वक पूरा किया। पुलिस विभाग और वन विभाग के सहयोग से इस नर बारहसिंघा को सुरक्षित रूप से रेस्क्यू किया गया और उसे वन्य क्षेत्र में छोड़ दिया गया।
वन विभाग की अपील
वन विभाग ने लोगों से अपील की है कि अगर कोई वन्यजीव रिहायशी इलाके में दिखे, तो घबराने या उसे नुकसान पहुंचाने के बजाय तुरंत वन विभाग को सूचित करें ताकि उसे सुरक्षित बचाया जा सके।