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छत्तीसगढ़

HMPV को लेकर तकनीकी समिति का गठन, स्वास्थ्य मंत्री ने कहा- घबराने की जरूरत नहीं, पर सावधानी जरूरी

रायपुर। भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के संबंध में सभी राज्यों को जागरूकता के लिये निर्देशित किया गया है। इसी क्रम में छत्तीसगढ़ में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) वायरस पर निगरानी के लिये एक तकनीकी समिति बनाई गई है।

HMPV के संक्रमण के रोकथाम, बचाव, जागरुकता और कार्ययोजना के संबंध में आवश्यक सुझाव एवं दिशा निर्देश तैयार किए जाने के लिये इस तकनीकी समिति का गठन किया गया है।  इस समिति में संचालक, महामारी नियंत्रण डॉ.एसके पामभोई अध्यक्ष के रूप में हैं। इनके साथ सदस्य के रूप में उपसंचालक डॉ. खेमराज सोनवानी, उपसंचालक डॉ. धर्मेन्द्र गहवई, राज्य सलाहकार आईएसडीपी आकांक्षा राणा और राज्य सलाहकार आईएसडीपी यनिका नाग शामिल हैं। यह तकनीकी समिति राज्य में HMPV के संबंध में समय-समय पर अपना मत स्वास्थ्य विभाग को देगी।

स्वास्थ्य विभाग की बैठक में दिशा निर्देश-  छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने एचएमपी वायरस को लेकर स्वास्थ्य विभाग की महत्वपूर्ण बैठक में दिशा निर्देश दिए। ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस (एचएमपीवी वायरस) से निपटने के लिए प्रदेश की स्वास्थ्य विभाग की टीम पूरी तरह से तैयार है। वायरस को लेकर सतर्कता बरतने और तैयारियों के संबंध में स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने मंत्रालय नवा रायपुर में स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक ली और आवश्यक दिशा निर्देश दिए।

प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग में विशेषज्ञों की टीम सतत रूप से इस वायरस के बारे में निगरानी रख रही है और इसके लक्षणों एवं प्रभाव के बारे में भी अध्ययन कर रही है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग कोरोना महामारी के बाद से ही किसी भी प्रकार के आपात स्थिति के लिए पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने कहा कि हमारी पूरी कोशिश है कि इस वायरस को रोकें और साथ ही इससे लड़ने के लिए आम जनता को भी जागरूक करें। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि यह वायरस पहले भी रिपोर्ट किया जा चुका है और इससे घबराने की कोई बात नहीं है, लेकिन सावधानी बरतनी जरूरी है । उन्होंने आम जनता से स्वच्छता पर जोर देने की बात कही है।

चीन से शुरू हुई ये बीमारी – इन दिनों पूरे देश में एचएमपीवी नामक वायरस तेजी से फैल रहा है। चीन से शुरू हुई ये बीमारी भारत समेत दूसरे देशों में भी तेजी से फैल रही है। देश में अब तक आठ केस मिल चुके हैं। जिममें दो केस तमिलनाडू, दो कर्नाटक, ती महाराष्ट्र और एक मामला गुजरात के शामिल हैं। फिलहाल इन आठ मामलों में से एक ने इस वायरस को हराकर एक बच्ची ठीक हो गई है। पहली बार इसका मामला 2001 में  पाया गया था। इसके करीबी जेनेटिक संबंध के कारण, यह रेस्पिरेटरी सिंसिटियल वायरस या आरएसवी से जुड़ा है और इससे संबंधित ही लक्षण भी इसमें दिखते हैं।

क्या है HMPV के लक्षण- HMPV  बच्चे, बूढ़े और उन युवाओं के लिए  संवेदनशील हो सकता है , जो किसी ऐसी ही बीमारी से ग्रस्त हो और अधिक कमजोर हो गए हो, निमोनिया या ब्रोंकाइटिस एचएमपीवी अलग-अलग मौसमी पैटर्न में फैलता है। यह अक्सर सर्दियों में बढ़ता है। मानव मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) से पीड़ित होने पर आमतौर पर खांसी, छींकने, घरघराहट, बहती नाक या गले में खराश जैसे लक्षण सामने आते हैं। अधिकतर मामले हल्के लक्षण वाले होते हैं।

संक्रमण से बचाव के तरीके-  हवा से फैलने वाले वायरस के रूप में, HMPV हवाई अड्डों और हवाई जहाज़ों जैसे भीड़-भाड़ वाले वातावरण में तेज़ी से फैल सकता है। यात्रा के दौरान HMPV से खुद को सुरक्षित रखने के लिए कुछ सुझाव अपना सकते हैं। जैसे, डिजिटल चेक-इन, मास्क लगाना, सामाजिक दूरी बनाना, हाथों को साफ रखना आदि। विशेषज्ञों के अनुसार, एचएमपीवी वायरस से बचने के लिए भीड़ वाली जगह से दूरी बना कर रखें।

  • सर्दी खांसी बुखार वाले मरीजों के के संपर्क में नहीं आएं
  • सर्दी खांसी बुखार के लक्षण पर तत्काल स्थानीय अस्पताल में जांच कराएं। ताकि किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े।
  • खांसते और छींकते समय मुंह व नाक को रूमाल से ढंके।
  • अपने हाथों को साबुन एवं सेनेटाइजर से साफ करते रहें, यदि बीमार हैं तो घर पर रहें, ज्यादा पानी पीएं एवं पौष्टिक भोजन का सेवन करें।
  • सर्दी, खांसी व बुखार होने पर अथवा सामान्य स्थिति में भी टिशू पेपर का दोबारा इस्तेमाल न करें। बार-बार आंख नाक व मुंह को न छूएं।
  • सार्वजनिक स्थानों पर न थूकें तथा डाक्टर से सलाह लिए बिना किसी भी दवा का इस्तेमाल न करें।
  • एचएमपी वायरस खांसने, छींकने से निकलने वाले ड्रापलेट्स, संक्रमित व्यक्ति से हाथ मिलाने अथवा नजदीकी संपर्क में आने , दूषित सतह पर हाथ लगाने के बाद मुंह, नाक या आंखों को छूने से फैलता है।
  • सर्दी, खांसी, बुखार तथा सर्दियों में सांस लेने में परेशानी इसके सामान्य लक्षण हैं।
  • कुछ गंभीर केसेस में निमोनिया और ब्रोंकाइटिस भी इस बीमारी के लक्षण हैं।

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