बालोद। विकासखंड के ग्राम मटिया (पी) में उस समय मातम छा गया जब बीएसएफ के जवान हरीश कुमार मंडावी का पार्थिव शरीर तिरंगे से लिपटकर गांव पहुंचा। 36 वर्षीय जवान हरीश कुमार मंडावी की मौत जम्मू कश्मीर में हार्ट अटैक से हुई थी।
नम आंखों से दी गई अंतिम विदाई
जवान के पार्थिव शरीर को देखकर परिजनों और ग्रामीणों की आंखें नम हो गईं। बीएसएफ के जवानों, पुलिस अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। राजकीय सम्मान के साथ शलामी देकर उन्हें अंतिम विदाई दी गई।
8 साल की बेटी ने दी मुखाग्नि
ग्राम मुक्तिधाम में जब बाजे-गाजे और भक्ति गीतों के साथ पार्थिव शरीर को गांव भ्रमण कराया गया, तो लोगों ने ‘जब तक सूरज चांद रहेगा, हरीश तेरा नाम रहेगा’ और ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाए। 8 साल की बेटी पूर्वी ने अपने पिता को मुखाग्नि दी।
परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल
जवान की मौत की खबर सुनकर उनकी पत्नी बेसुध हो गई थी। उनकी मां बार-बार यही कहती रही कि ‘उठ जा बेटा, तेरे सिवा मेरा कौन है?’ मासूम बच्ची पूर्वी और उनकी मां का भी रो-रोकर बुरा हाल था।
श्रद्धांजलि देने वालों में शामिल थे
एसडीओपी देवांश सिंह राठौर, भाजपा जिला अध्यक्ष चेमन देशमुख, पवन साहू, जनपद सदस्य सतीश भेड़िया और कई अन्य गणमान्य व्यक्ति शामिल थे।
2010 में बीएसएफ में भर्ती हुए थे हरीश
हरीश कुमार मंडावी साल 2010 में बीएसएफ में भर्ती हुए थे। जब भी वह गांव आते थे, युवाओं को सेना में जाने के लिए प्रेरित करते थे। उनकी मौत से पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है।