पिथौरा. महासमुंद जिले के किशनपुर हत्याकांड के पांचों आरोपियों को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. सभी आरोपियों ने एएनएम योगमाया के साथ उसके पति और दो बच्चों की नृशंस हत्या कर दी थी. मामले की फॉरेंसिक टीम की जांच के बाद कोर्ट में रिपोर्ट पेश की गई थी, जिस पर आज फैसला सुनाया गया.
लीलाधर सारथी, अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश महासमुंद ने आज सभी आरोपी धर्मेंद्र बरिहा, सुरेश खुटे,, गौरी शंकर कैशर्त, फुल सिंग यादव, अखन्डल प्रधान को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. बता दें कि किशनपुर हत्याकांड की तस्वीरें आज भी लोगों के जहन में बसी हुई है. वारदात से परिजनों को जो जख्म मिला, वह अभी तक सूख नहीं पाया है.
परिजनों ने मामले की सही जांच नहीं होने का आरोप लगाते हुए महिला आयोग में शिकायत करने के साथ फॉरेंसिक टीम के अलावा सीबीआई से जांच कराने की मांग को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. लगातार परिजन मामले की सूक्ष्म जांच कराने की मांग करते रहे, तब कहीं जाकर सीबीआई जांच की गई. फॉरेंसिक जांच के बाद कोर्ट में रिपोर्ट पेश कर दी गई थी. मामले में आज फैसला सुनाया गया.
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के महासमुंद इलाके के पिथौरा थाना क्षेत्र के गांव किशनपुर में 30 और 31 मई 2018 की दरम्यानी रात योगमाया साहू उसके पति चैतन्य साहू और दो बच्चों सात वर्षीय तन्मय साहू और नौ वर्षीय कुणाल साहू की बड़ी बेरहमी से धारदार हथियार से हत्या कर दी गई थी. मृतका योगमाया गांव में ही बने उप स्वास्थ केंद्र में काम करती थी, और अपने परिवार के साथ उसी स्वास्थ्य केंद्र परिसर में बने अपने घर में रहती थी.
घटना के अगले दिन चारों के शव घर से बरामद किए गए थे. मामले में परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने मुकदमा भी दर्ज किया, लेकिन कई दिन बीत जाने के बाद भी जब पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की तो परिजनों ने इसके विरोध में जमकर हंगामा करते हुए धरना भी दिया था. इसके बाद काफी दबाव में आकर पुलिस ने एक आरोपी धर्मेंद्र को इस मामले में गिरफ्तार किया था. इस मामले में परिजनों के दबाव के बाद पुलिस ने आरोपी धर्मेंद्र का नार्को टेस्ट भी कराया गया था. इस टेस्ट में उसने अपने साथ पांच और आरोपियों हुए फूल सिंह यादव, गौरी शंकर केवट, सुरेश खूंटे और अखंडल प्रधान का नाम भी लिया था. उसके बयान के आधार पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए इस केस में कुल 5 लोगों को पकड़ा था.